उत्तराखंड : 1 लाख 1034 करोड़ रुपये का बजट पेश, विकास और नवाचार पर जोर

देहरादून, 20 फरवरी . उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1 लाख 1034 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. इसे उन्होंने भविष्य का रोडमैप बताते हुए “नमो” (एनएएमओ) पर आधारित बताया. इसमें ‘एन’ से नवाचार, ‘ए’ से आत्मनिर्भरता, ‘एम’ से महान विरासत और ‘ओ’ से ओजस्विता को प्राथमिकता दी गई है. इस बजट में राज्य के विकास को गति देने के लिए सात प्रमुख क्षेत्रों जैसे कृषि, उद्योग, ऊर्जा, अवसंरचना, संयोजकता, पर्यटन और आयुष पर विशेष ध्यान दिया गया है. बजट में टिहरी झील परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपये तो समान नागरिक संहिता के लिए 30 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.

राज्य में जल विद्युत उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) द्वारा बैटरी एनर्जी स्टोरेज स्कीम की तीन परियोजनाएं मार्च 2026 तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है. वित्त मंत्री ने बताया कि ऊर्जा के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम पीएम सूर्य घर योजना के तहत उठाया गया है, जिसमें अब तक 47 मेगावाट क्षमता के 13,168 रूफ टॉप सोलर संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं.

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में बताया कि परिवहन और अवसंरचना को मजबूत करने के लिए सरकार ने देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदियों पर फोर लेन एलिवेटेड रोड के निर्माण की योजना बनाई है. इसके अलावा, देहरादून रिंग रोड परियोजना पर भी सरकार गंभीरता से काम कर रही है. राज्य में सिंचाई और जल संसाधन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं, जिनमें जमरानी बांध परियोजना के लिए 625 करोड़ रुपये, सौंग परियोजना के लिए 75 करोड़ रुपये और लखवाड़ परियोजना के लिए 285 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है. अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापन विकास के लिए 60 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.

सड़क और हवाई सेवा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 220 किलोमीटर नई सड़कों के निर्माण और 1,000 किलोमीटर सड़कों के पुनर्निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही 1,550 किलोमीटर सड़कों के नवीनीकरण और 1,200 किलोमीटर सड़कों पर सुरक्षा कार्य किए जाएंगे. वर्ष 2025-26 में 37 नए पुलों के निर्माण का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य विभाग की ट्राउट प्रोत्साहन योजना के तहत 146 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा हरिद्वार और ऋषिकेश के विकास के लिए उत्तराखंड औद्योगिक विकास एवं निवेश बोर्ड (यूआईआईडीबी) को 168.33 करोड़ रुपये की परामर्शी सेवा प्रदान की जाएगी. राज्य में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप वेंचर फंड के लिए 20 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है. प्रवासी उत्तराखंड परिषद के लिए 1 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिससे प्रवासी उत्तराखंडियों को राज्य से जोड़ने की योजना है.

पर्यावरण और जल संसाधन संरक्षण के लिए रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना (शारदा कॉरिडोर) के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. शहरी परिवहन के सुधार हेतु स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए 6.5 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. इसके अलावा, होमगार्ड कल्याण कोष के लिए 1 करोड़ रुपये और रेशम फेडरेशन को रिवॉल्विंग फंड के रूप में 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

पर्यटन के विस्तार के लिए सरकार ने एक सौर करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है. टिहरी झील के समग्र विकास के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे इसे एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. मानस खंड माला मिशन के तहत 25 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है. नए पर्यटक स्थलों के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये और चारधाम मार्ग पर आधारभूत सुविधाओं के लिए भी 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

आयुष के क्षेत्र में भी सरकार ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं. राज्य में योग निदेशालय की स्थापना की योजना विचाराधीन है. कांवड़ मेले के आयोजन के लिए 7 करोड़ रुपये और अर्धकुंभ की तैयारियों के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. धार्मिक पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऋषिकेश में हिमालयन संग्रहालय स्थापित किया जाएगा.

राज्य में नवाचार और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए 200 करोड़ रुपये की लागत से उत्तराखंड वेंचर फंड की स्थापना की जाएगी. किसानों को प्रोत्साहित करने और राज्य के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए मिलेट मिशन के तहत 4 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है. राज्य में पोषण और बाल विकास को ध्यान में रखते हुए 3,940 नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जिससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में बाल पोषण और शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा.

आवास क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार नई आवास नीति लाने की तैयारी कर रही है. राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के लिए 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह कानून राज्य के नागरिकों के लिए एक समान कानूनी ढांचा तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

पीएसएम/केआर