लखनऊ, 12 जुलाई . केंद्रीय मत्स्य पालन विभाग, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है जिसने नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति की है. दूसरे राज्यों के लिए उत्तर प्रदेश ने प्रेरणा देने का काम किया है.
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन Saturday को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में भारत में पशु नस्लों का विकास कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि यूपी ऐसा राज्य है, जिसने नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति की है. दूध के उत्पादन के क्षेत्र में भारत विश्व में प्रथम स्थान पर है यह कीर्तिमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता के चलते ही अर्जित हुआ है. उन्होंने पशुपालन विभाग को अलग मंत्रालय का दर्जा दिया, केवल दर्जा ही नहीं बल्कि बेहतर ढंग से काम करने के लिए बड़ी परियोजनाएं भी शुरू कराई. जिससे हमने वैश्विक कीर्तिमान हासिल किया है.
उन्होंने कहा कि सरकार किसान केंद्रित व्यवस्था बनाकर काम कर रही है, नस्ल सुधार के लिए बड़े पैमाने पर काम किए जा रहे हैं. देश और प्रदेश में बहुत सुधार भी हुआ है. यह ज़मीन पर दिखाई भी दे रहा है. प्रदेश ने नस्ल सुधार, दुग्ध उत्पादन, पशु आरोग्य की दिशा में बड़े सुधारात्मक और अनुकरणीय कार्य किए गए हैं. पशुपालन के क्षेत्र में छोटे किसान, भूमिहीन या मजदूर वर्ग से आते हैं. इनमें सर्वाधिक महिलाएं हैं. दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों में भी बत्तीस फीसदी महिलाएं काम कर रही हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नस्ल सुधार की दिशा में हम आईवीएफ और सेक सॉर्टेड सीमन पर काम किया जा रहा है. आईवीएफ तकनीक महंगी है लेकिन सेक सॉर्टेड सीमेन की विधि सस्ती है और किसानों के लिए लाभकारी है. इससे नब्बे फीसदी बछिया ही पैदा होती हैं.
उन्होंने कहा कि हम विश्व में दुग्ध उत्पादन की दिशा में नंबर एक जरूर हैं लेकिन उत्पादकता के मामले में पीछे हैं. हम एक्सपोर्ट में पीछे हैं. हम देश के नौ राज्यों को एफएमडी फ्री स्टेट बनाने में काम कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश भी इसमें सम्मिलित है, जिससे दुग्ध उत्पाद बाहर के देशों में बिक्री के लिए भेजा जा सकेगा.
मंत्री रंजन ने कहा कि वाराणसी दुग्ध संघ प्रदेश के दुग्ध उत्पादन की दिशा में मील का पत्थर है. जहां पहले चौदह हजार लीटर दूध ही उत्पादित होता था, अब दो लाख लीटर से ज्यादा का उत्पादन वहां से हो रहा है. जो सोसायटीज पहले सौ-दो सौ लीटर दूध देती थी अब वह पांच हजार से भी ज्यादा लीटर का दूध दुग्ध संघ को दे रहे हैं. किसानों को आज गोबर का भी पैसा मिल रहा है. राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड ने यहां पर काम किया है. असंगठित क्षेत्र संगठित हुआ है. इससे किसानों को लाभ मिला है. अभी Chief Minister योगी के प्रयासों से कानपुर, कन्नौज और गोरखपुर के दुग्ध प्लांट भी एनडीडीबी संचालित करने जा रही है. इससे इन जिलों के किसानों को भी लाभ मिलने जा रहा है. पशुपालक किसान देश की अर्थव्यवस्था में अब सीधा योगदान दे रहे हैं.
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विकेटी/एएस