उत्तर प्रदेश शासन ने 1,000 करोड़ रूपए के दो कमर्शियल प्रोजेक्ट का आवंटन बहाल किया

नोएडा, 11 जून . उत्तर प्रदेश शासन ने मंगलवार को एक ही ग्रुप के रद्द किए गए दो कमर्शियल भूखंड को बहाल कर दिया है. दोनों प्रोजेक्ट करीब 1,000 करोड़ के हैं. दोनों ही भूखंड एक ही मदर कंपनी एम3एम की दो सब्सिडियरी कंपनी के थे.

इन पर आरोप था कि आवंटन के दौरान प्राधिकरण के ई-ब्रोशर में वर्णित नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया गया. इसकी शिकायत फरवरी 2024 में की गई थी. इसी शिकायत पर शासन ने प्राधिकरण से रिपोर्ट मांगी थी, जिसके आधार पर 10 मई 2024 को आवंटन रद्द कर दिया गया.

दरअसल, सेक्टर-94 में लैविश बिल्डमार्ट प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित भूखंड संख्या-1 और सेक्टर-72 में स्काई लाइन प्रापकॉन प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित भूखंड एमपीसी-1 हैं. इन दोनों कंपनियों की मदर कंपनी एम3एम है. इस मामले में कंपनी के निदेशक यातिश वहाल ने शासन के आदेश को निरस्त किए जाने और मामले में सुनवाई करने का अनुरोध किया था. उसके बाद शासन ने प्राधिकरण से दोबारा रिपोर्ट मांगी.

प्राधिकरण की ओर से 20 मई और 29 मई को शासन को रिपोर्ट भेजी गई. इस रिपोर्ट का संज्ञान लेकर शासन ने दोनों ही भूखंड के आवंटन को बहाल करते हुए अपने 10 मई के आदेश को स्थगित कर दिया.

10 मई के आदेश के बाद नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-72 स्थित कंपनी के प्रोजेक्ट को सील कर दिया था. दोनों वाणिज्यिक भूखंड सिंगल बिड के आधार पर आवंटित किए गए थे. दोनों ही प्रकरण में रिजर्व प्राइज भूखंड संख्या-1 सेक्टर-94 में 827.25 करोड़ और भूखंड संख्या एमपीसी-1 सेक्टर-72 में 176.48 करोड़ था. एच-1 निविदा के रूप में चयनित दोनों सब्सिडियरी कंपनियों की होल्डिंग कंपनी एक ही थी.

आवंटन करने के बाद प्राधिकरण को दोनों कंपनियों से अब तक करीब 450 करोड़ रुपए भी मिल चुके हैं. दोनों ही साइट पर निर्माण कार्य किया जा रहा है. इसके अलावा प्राधिकरण की ओर से शासन को दो बार रिपोर्ट भेजी गई. उसी को आधार बनाकर आवंटन बहाल किया गया. प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि आदेश की कॉपी मिलते ही सील खोलने की प्रक्रिया की जाएगी.

पीकेटी/एबीएम