![]()
Patna, 22 जून . बिहार Government के मंत्री अशोक चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उस बयान पर तल्ख टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने Prime Minister Narendra Modi को ‘पॉकेटमार’ बताया. अशोक चौधरी ने कहा कि यह बयान न केवल अशोभनीय है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की मर्यादा का भी उल्लंघन है.
अशोक चौधरी ने Sunday को समाचार एजेंसी से खास बातचीत में कहा कि आज के समय में India में एक मैट्रिक पास व्यक्ति ही चपरासी बन सकता है, लेकिन जो व्यक्ति इस देश के लिए नीतियां बनाना चाहता है, संविधान में संशोधन करना चाहता है, उसके लिए कोई शैक्षणिक योग्यता निर्धारित नहीं है. जब हमारे पूर्वजों ने संविधान बनाया था, तब उन्हें लगा कि अनुभव बहुत बड़ी चीज है. लेकिन, अब राजनीति में ऐसे लोग आ रहे हैं, जिन्हें न भाषा की मर्यादा का ज्ञान है और न ही पद की गरिमा का.
उन्होंने कहा कि देश के Prime Minister के लिए बात करते हुए भाषा की गरिमा के बारे में नेताओं को ध्यान रखना चाहिए, उन्हें इसका ज्ञान होना चाहिए. हिंदी में इतने शब्द हैं कि विरोधियों पर तीखा प्रहार भी किया जा सकता है, लेकिन मर्यादा के साथ. एक बड़े नेता के तौर पर जब देश के युवा आपको देख रहे हैं, तो इस तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग बेहद निंदनीय है. पीएम मोदी को जनता ने चुना है, आपने उन पर कोई कृपा नहीं की है. आपने उनके खिलाफ प्रचार किया, उन्होंने भी किया, लेकिन भाषा की मर्यादा दोनों को रखनी चाहिए.
Chief Minister नीतीश कुमार की ओर से वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाए जाने के फैसले पर तेजस्वी यादव ने कहा कि Government उनकी नीतियों पर चल रही है. इस पर अशोक चौधरी ने स्पष्ट कहा कि नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव से कुछ सीखने की जरूरत नहीं है. नीतीश को किसी के दिखाए रास्ते पर चलने की आवश्यकता नहीं है. जितनी उनकी उम्र है, उससे ज़्यादा समय से नीतीश राजनीति कर रहे हैं. चाहे वह जातीय जनगणना हो, हर घर नल का जल हो, जीविका योजना, पोशाक योजना, साइकिल योजना या हर घर बिजली योजना. ये सभी नीतीश कुमार की पहल हैं. बाद में India Government और अन्य राज्यों ने इन्हें अपनाया.
उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार न केवल एक अनुभवी नेता हैं, बल्कि इंजीनियर भी हैं. उन्होंने बिहार की परंपरा और विरासत को सशक्त करने का काम किया है. जब नीतीश कुमार सत्ता में आए, तब बिहार की प्रति व्यक्ति आय 7 हजार रुपए थी, आज यह बढ़कर 66 हजार रुपए हो गई है. यह आंकड़े प्लानिंग कमीशन और इंडियन इकोनॉमिक सर्वे के हैं. 40 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे थे, आज यह संख्या घटकर 16 फीसदी हो गई है. पहले 1 फीसदी लोगों के घरों में नल का जल मिलता था, आज 95 फीसदी घरों में पानी आ रहा है. स्वच्छता मिशन के तहत पहले 2 फीसदी घरों में शौचालय थे, आज 95 फीसदी घरों में हैं. उन्होंने व्यंग्यपूर्ण लहजे में कहा कि यह कितना हास्यपद बयान है कि तेजस्वी यादव से नीतीश कुमार को सीखना पड़े.
–
पीएसके/एएस