जयपुर, 12 फरवरी . उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोगों से स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने की अपील की है.
उन्होंने कहा, ”लैम्प, कैंडल और फर्नीचर जैसे उत्पाद हमारे देश में बाहर से आते हैं, जिसके दो नुकसान हैं. पहला तो यह है कि इससे भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा बाहर जा रहे हैं और इसके साथ ही ऐसा करके हम अपने ही व्यापारियों के हाथ काट रहे हैं.”
धनखड़ ने उक्त बातें पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 56वीं जयंती पर जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करने के क्रम में कही.
उन्होंने कहा, ”जितना हो सके, उतना ज्यादा स्वदेशी उत्पादों का इस्तेमाल लोगोें को करना चाहिए, ताकि स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिले.”
उन्होंने आगे कहा, ”एक समय था, जब हमारे देश की अर्थव्यवस्था कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में से एक थी, लेकिन पिछले एक दशक के दौरान कठिन परिश्रम के बलबूते हमारा देश विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था की फेहरिस्त में शुमार हो चुका है. आज हमारा विदेशी निर्यात 600 बिलियन रुपए के पार पहुंच चुका है.
उस वक्त मुझे अत्याधिक पीड़ा हुई थी, जब मुझे यह पता लगा था कि 2009 में भारत ने विदेशी विश्वविद्यालय को 5 मिलियन यूएस डॉलर की मदद पहुंचाई है. आखिर क्यों नहीं यह मदद हमारे विश्वविद्यालयों को पहुंचाई गई? लिहाजा मैं इस खास मौके पर इस मंच से अपने उद्योगपति और व्यापारियों भाइयों से अपील करना चाहूंगा कि वो अपने अंदर राष्ट्रवाद की भावना पैदा करें, क्योेंकि राष्ट्रवाद हमारे लिए सर्वोपरि है.”
किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ”पहली बार भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतना बड़ा कदम उठाया है, जो कि हमारे किसान भाइयों के लिए संतुष्टि की बात है. यही नहीं, उन्होंने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देेने का भी ऐलान किया, जो कि कृषि व कृषकों के लिए दूरदर्शी विचार रखते थे.
चौधरी चरण सिंह एक सार्वभौमिक नेता थे. चौधरी साहब किसी विशेष जाति या परिवार से नहीं आते थे. वो हमेशा ही खुद को विशेष जाति सेे जोड़ने से बचते थे. मैं उनके पोते की सराहना करता हूंं, जिन्होंने राज्यसभा में कहा था कि मैं उनका पोता हूं, लेकिन चौधरी चरण सिंह सबके हैं.”
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एसएचके/एबीएम