यमन में यूएस-यूके गठबंधन के हमले अंतरराष्ट्रीय कानून और यूएन चार्टर का उल्लंघन : ईरान

वाशिंगटन, 6 जनवरी . ईरान ने उत्तरी यमन पर अमेरिकी नेतृत्व वाले नौसेना गठबंधन की ओर से किए गए हवाई हमलों और दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान में हुए घातक हमले की कड़ी निंदा की.

ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने रविवार को एक बयान में कहा कि यमन के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और इजरायल की ओर से ‘लगातार और बार-बार किया जा रहा सैन्य आक्रमण’ ‘यमन की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का स्पष्ट उल्लंघन है.’ उन्होंने कहा ये हमले अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का उल्लंगघन है.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने हूती ग्रुप के अल-मसीरा टीवी के हवाले से बताया कि रविवार सुबह अमेरिका के नेतृत्व वाले नौसेना गठबंधन ने यमन के उत्तरी प्रांत सादा पर तीन हवाई हमले किए.

निवासियों ने सोशल मीडिया पर बताया कि शहर में हूती ग्रुप के एक सैन्य स्थल को निशाना बनाकर हमला किया गया.

अमेरिकी सेना ने अभी तक इस दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

बता दें उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण करने वाला हूती ग्रुप फिलिस्तीनियों के समर्थन में नवंबर 2023 से इजरायल के खिलाफ नियमित रॉकेट और ड्रोन हमले कर रहा है और लाल सागर में ‘इजरायल से जुड़े’ जहाजों को निशाना बना रहा है.

हूती ग्रुप की कार्रवाइयों के जवाब में, क्षेत्र में तैनात अमेरिकी-ब्रिटिश नौसेना गठबंधन ने उसे रोकने के लिए नियमित रूप से हवाई हमले और हूती टारगेट्स को निशाना बनाया है.

एक अलग बयान में, बघई ने पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में हुए घातक हमले के मद्देनजर पीड़ितों के परिवारों, सरकार और पाकिस्तान के लोगों के प्रति सहानुभूति और संवेदना व्यक्त की.

उन्होंने ‘आतंकवाद को रोकने और उससे निपटने के प्रयासों को मजबूत करने की आवश्यकता’ पर बल दिया.

बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने रविवार को दावा किया कि उसकी ‘फिदायी यूनिट’ मजीद ब्रिगेड ने शनिवार को बलूचिस्तान के तुर्बत के पास एक पाकिस्तानी सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला किया. हमले में 47 कर्मियों की मौत हो गई और 30 से अधिक घायल हो गए.

‘द बलूचिस्तान पोस्ट’ की रिपोर्ट में ग्रुप के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने कहा कि हमला तुर्बत शहर से लगभग आठ किलोमीटर दूर बेहमान इलाके में शाम करीब 5:45 बजे हुआ.

जीयंद ने कहा कि हमले का टारगेट 13 वाहनों का काफिला था, जिसमें पांच बसें और सात सैन्य वाहन शामिल थे, जो कराची से तुर्बत में फ्रंटियर कॉर्प्स (एफसी) मुख्यालय जा रहे थे.

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