ह्यूस्टन, 29 जनवरी . ओक्लाहोमा के राज्य शिक्षा बोर्ड ने एक नियम को मंजूरी दी है जिसके तहत सार्वजनिक स्कूलों में छात्रों का नामांकन करते समय अभिभावकों को इमिग्रेशन या नागरिकता स्टेट्स की जानकारी देनी होगी.
मंगलवार को सर्वसम्मति से 6-0 से इस नियम को स्वीकृत किया गया. हालांकि दक्षिण-मध्य अमेरिकी राज्य में लागू होने के लिए राज्यपाल और राज्य विधानमंडल की तरफ से इसका अनुमोदन होना चाहिए.
अगर इन दोनों जगह से इस नियम को स्वीकृति मिल जाती है तो प्रत्येक स्कूल डिस्ट्रिक्ट को उन छात्रों की संख्या दर्ज करनी होगी जिनके माता-पिता या अभिभावक ‘छात्र की सिटीजनशिप या लीगल इमिग्रेशन स्टेट्स की कमी के कारण’ नागरिकता या कानूनी आव्रजन स्थिति का प्रमाण नहीं दे सके.
बोर्ड के रिपब्लिकन सदस्य और पब्लिक इंस्ट्रक्शन के अधीक्षक रयान वाल्टर्स ने कहा, “अवैध अप्रवासियों के बारे में हमारा नियम बस यही है. इसका उद्देश्य यह है कि हमारे स्कूलों में कितने अवैध अप्रवासी छात्र हैं, इसका हिसाब रखा जाए.”
शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया कि मंगलवार को ओक्लाहोमा सिटी में दर्जनों स्टूडेंट्स ने वाल्टर्स की अप्रवास नीतियों का विरोध किया. उन्होंने निर्वासन एजेंटों को स्कूल परिसरों से दूर रखने की मांग की.
नेशनल इमिग्रेशन लॉ सेंटर ने नियम में बदलाव के जवाब में एक बयान में कहा, “सभी बच्चों को उनकी नागरिकता या इमिग्रेशन स्टेट्स की परवाह किए बिना शिक्षा तक समान पहुंच का संवैधानिक अधिकार है.”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह एक निर्देश जारी किया, जिसमें इमिग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन एजेंटों को स्कूलों में लोगों को गिरफ्तार करने की अनुमति दी गई.
वाल्टर्स ने कहा कि ओक्लाहोमा, ट्रंप प्रशासन के कदम का पालन करने की योजना बना रहा है.
स्कूलों में अप्रवासियों पर वर्तमान अमेरिकी कानून 1982 के सुप्रीम कोर्ट केस प्लायलर बनाम डो से निकला है.
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, 5-4 मतों से न्यायालय ने माना कि राज्य संवैधानिक रूप से छात्रों को उनकी इमिग्रेशन स्टेट्स के कारण मुफ्त सार्वजनिक शिक्षा से वंचित नहीं कर सकते हैं, इसके लिए उन्होंने 14वें संशोधन के समान संरक्षण खंड का हवाला दिया.
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