मुंबई, 22 दिसंबर . भारत शेयर बाजार के लिए अलगा हफ्ता काफी अहम होने वाला है. बीते हफ्ते हुई बड़ी गिरावट के बाद आने वाले समय में निवेशकों की निगाहें यूएस बॉन्ड यील्ड, डॉलर इंडेक्स, कच्चे तेल की चाल और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) से जुड़े डेटा पर रहेंगी.
16-20 दिसंबर तक के कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली. निफ्टी 1,180 अंक या 4.77 प्रतिशत गिरकर 23,587 और सेंसेक्स 4,091 अंक या 4.98 प्रतिशत गिरकर 80,000 के अहम सपोर्ट को तोड़ता हुआ 78,041 पर बंद हुआ.
इसके अलावा बैंक निफ्टी 2,824 अंक या 5.27 प्रतिशत गिरकर 50,759 पर बंद हुआ. बीते हफ्ते केवल फार्मा सेक्टर ही तेजी के साथ बंद हुआ है, जबकि बाकी सभी सेक्टरों में बिकवाली थी.
इस गिरवाट की वजह एफआईआई की बिकवाली और यूएस फेड का ब्याज दरों को लेकर आउटलुक को माना जा रहा है, जिसमें 2025 में केवल दो बार रेट कट का अनुमान जताया गया है.
पिछले हफ्ते एफआईआई द्वारा कैश मार्केट में 15,828 करोड़ रुपये की बिकवाली की गई थी, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) द्वारा 11,874 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था.
मास्टर ट्रस्ट ग्रुप में डायरेक्टर पुनीत सिंघानिया ने कहा कि पिछले हफ्ते निफ्टी में बड़ी गिरावट देखी गई है और यह 4.77 प्रतिशत गिरकर अपने अहम स्पोर्ट 23,800 के नीचे 23,600 के करीब बंद हुआ है. अब अगला सपोर्ट 23,200 है. अगर बाजार में तेजी आती है तो 23,800 से लेकर 23,900 और फिर 24,300 एक अहम रुकावट का स्तर होगा.
सिंघानिया ने आगे कहा कि व्यापक बाजार का रुझान नकारात्मक बना हुआ है. इस कारण निवेशकों को तेजी पर बिकवाली की रणनीति अपनानी चाहिए.
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट, वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक, प्रवेश गौर ने कहा कि बैंक निफ्टी के लिए आने वाले समय में 51,600 एक बड़ा रुकावट का स्तर होगा. अगर यह 50,400 के नीचे फिसलता है तो और बिकवाली देखने को मिल सकती है और ऐसी स्थिति में 49,600 एक अहम सपोर्ट होगा. वहीं, अगर 51,600 का स्तर तोड़ता है तो 51,800 और 52,000 एक अहम रुकावट का स्तर होगा.
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एबीएस/