कैरेबियन सागर में अमेरिका की कार्रवाई जारी, ताजा हमले में तीन लोगों की मौत

वाशिंगटन, 2 नवंबर . नशीले पदार्थों के खिलाफ तटीय जल क्षेत्रों में अमेरिका का एक्शन लगातार जारी है. इसी सिलसिले में पेंटागन प्रमुख पीट हेगसेथ ने बताया कि कैरिबियन में कथित तौर पर मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले एक जहाज पर अमेरिकी सैन्य हमले में Saturday को तीन लोगों की मौत हो गई.

बता दें, अमेरिका ने बीते दिन भी कैरेबियन के समुद्री इलाके में हवाई हमला किया था. ऐसे में वाशिंगटन की तरफ से ताजा मामले में अपडेट साझा की गई है. अमेरिका का कहना है कि ये हमले अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के प्रयासों का हिस्सा हैं.

अमेरिका कैरिबियन में नौसेना के जहाज तैनात कर नजर बनाए हुए है. इसके साथ ही बड़े पैमाने पर मादक पदार्थों की तस्करी विरोधी पहल के तहत प्यूर्टो रिको में एफ35 स्टील्थ विमान तैनात किए हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल के हफ्तों में कैरेबियन और प्रशांत क्षेत्र में संदिग्ध तस्करी करने वाली नावों पर 15 से ज्यादा अमेरिकी हमलों में कम से कम 65 लोगों की मौत हुई है.

social media प्लेटफॉर्म पर हेगसेथ ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि हालिया हमले में एक और मादक पदार्थ तस्करी करने वाले जहाज को निशाना बनाया गया. इसकी पहचान खुफिया रिपोर्टों के अनुसार अवैध मादक पदार्थों के कारोबार में शामिल होने के रूप में की गई थी. हमले के दौरान जहाज पर तीन लोग सवार थे, जिनमें से सभी मारे गए. हेगसेथ ने मारे गए तीनों शख्स को नार्को आतंकवादी बताया.

अमेरिका की ओर से की जा रही इस कार्रवाई को लेकर बीते दिन संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख द्वारा जारी एक बयान को दोहराया है. यूएनएचआरसी ने कैरिबियन और प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका से नौकाओं पर हवाई हमले रोकने का आग्रह किया है.

इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने एक बयान में कहा, “अमेरिका को ऐसे हमलों को रोकना चाहिए और इन नौकाओं पर सवार लोगों की न्यायेतर हत्या को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए, चाहे उन पर जो भी आपराधिक कृत्य का आरोप लगाया गया हो.”

बयान में कहा गया, “सितंबर की शुरुआत से कैरेबियन और प्रशांत क्षेत्र में नौकाओं पर अमेरिकी सशस्त्र बलों द्वारा किए गए लगातार हमलों में 60 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, और ये हमले ऐसी परिस्थितियों में हुए हैं जिनका अंतरराष्ट्रीय कानून में कोई औचित्य नहीं है.”

केके/एएस