New Delhi, 28 अगस्त . बिहार के दरभंगा में Prime Minister Narendra Modi के खिलाफ अपशब्दों के इस्तेमाल पर विवाद गहरा गया है. इस मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ऐसी भाषा न केवल निंदनीय है, बल्कि इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जानी चाहिए.
राशिद अल्वी ने स्पष्ट किया कि न तो कांग्रेस पार्टी और न ही कोई समझदार व्यक्ति ऐसी शब्दावली का समर्थन करेगा. उन्होंने इस मामले की गहन जांच की मांग की ताकि सच सामने आए.
राशिद अल्वी ने कहा, “किसी को भी, चाहे वह Prime Minister हों, राहुल गांधी हों या कोई अन्य व्यक्ति, उनके खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं है. यह गलत है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.”
उन्होंने स्वीकार किया कि जनता में Government के खिलाफ गुस्सा हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई भी नेता के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करे.
राशिद अल्वी ने कहा कि बीजेपी नेताओं ने अतीत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और यहां तक कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं, जिसका रिएक्शन भी देखने को मिलता है. इस तरीके के अपशब्द किसी भी Political दल के अंदर, किसी भी नेता को, किसी भी कार्यकर्ता को शोभा नहीं देता है और यह जिम्मेदारी तमाम Political दलों की है कि वह अपने अपने कार्यकर्ताओं को और नेताओं को इस तरह की शब्दावली का प्रयोग करने से मना करे. लेकिन यह सही है कि इसकी शुरुआत भारतीय जनता पार्टी ने की थी.
वहीं, संभल हिंसा की न्यायिक जांच रिपोर्ट सीएम योगी को सौंपे जाने को लेकर राशिद अल्वी ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मैं इन दावों पर पूरी तरह यकीन नहीं कर सकता. यह रिपोर्ट गोपनीय है और जब तक इसे सार्वजनिक नहीं किया जाता, सच्चाई का पता नहीं चल सकता. इसे कैबिनेट में रखा जाएगा और उसके बाद ही जनता के सामने पेश किया जाएगा. लेकिन मैं संभल को अच्छी तरह जानता हूं, वहां के हिंदू और मुसलमान शांतिप्रिय लोग हैं.
उन्होंने कहा, “जिस तरीके की उत्तर प्रदेश के अंदर Government है, रिपोर्ट पर पूरे तरीके से भरोसा नहीं किया जा सकता है. आप कैसे कह देंगे कि किसकी आबादी घटी, किसकी बढ़ी. क्या आपने जनगणना किया है? क्या आप पूरे जिले के अंदर लोगों तक पहुंचे हैं? कमरे के अंदर बैठकर, लोगों से बात करके या ब्यूरोक्रेसी से बात करके आप इस नतीजे पर नहीं पहुंच सकते. जनगणना होने वाला है. 2027 में जनगणना की रिपोर्ट आएगी, तब सही स्थिति सामने आएगी. कमरे में बैठकर या ब्यूरोक्रेसी से बात करके आबादी के बारे में दावे नहीं किए जा सकते.”
अल्वी ने कहा कि 1943 के कानून के तहत धार्मिक स्थलों की स्थिति में बदलाव नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद, बीजेपी द्वारा मथुरा, बनारस और अब संभल में विवाद खड़ा करने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने आगे अमेरिका के द्वारा India पर लगाए गए टैरिफ को लेकर कहा कि देखिए India कभी किसी के दबाव में फैसले नहीं करता है. लेकिन जो टैरिफ बढ़ा है वह India Government की गलत विदेश नीति है, जिसकी वजह से यह बढ़ा है.
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एकेएस/जीकेटी