नई दिल्ली, 31 जुलाई . संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर की अंतरिम उम्मीदवारी रद्द कर दी. इसके साथ ही उन्हें भविष्य में होने वाली परीक्षाओं से भी प्रतिबंधित कर दिया गया.
यूपीएससी की ओर से यह कार्रवाई तब की गई है जब जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि पूजा खेडकर ने परीक्षा नियमों का उल्लंघन करते हुए अपनी पहचान बदलकर अधिक अटेम्प्ट दिए थे. इस संबंध में उन्हें 18 जुलाई को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने और समय मांगा था, लेकिन निर्धारित समय सीमा के भीतर जवाब नहीं दिया.
यूपीएससी की ओर से उन्हें कहा गया कि यदि तय समय तक कोई जवाब नहीं मिलता है, तो यूपीएससी आगे की कार्रवाई करेगा. दिए गए समय में विस्तार के बावजूद, पूजा निर्धारित समय के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने में विफल रहीं.
यूपीएससी ने 15 साल के आंकड़ों की समीक्षा की और पाया कि पूजा खेडकर के मामले को छोड़कर, कोई अन्य उम्मीदवार नियमों के अनुसार अधिक अटेम्प्ट नहीं कर रहा था. यूपीएससी अपनी मानक संचालन प्रक्रिया को मजबूत करने की प्रक्रिया में है, ताकि भविष्य में ऐसा मामला न हो.
यूपीएससी ने बताया कि जहां तक झूठे प्रमाणपत्र जमा करने की शिकायतों का सवाल है, तो यूपीएससी यह स्पष्ट करना चाहता है कि वह प्रमाणपत्रों की केवल प्रारंभिक जांच करता है, जैसे कि क्या प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया है, जिस वर्ष का प्रमाणपत्र संबंधित है, प्रमाणपत्र जारी करने की तारीख, क्या प्रमाणपत्र पर कोई ओवरराइटिंग है, प्रमाणपत्र का प्रारूप आदि. आम तौर पर, यदि प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया है, तो उसे असली माना जाता है.
यूपीएससी ने बताया कि उसको हर साल उम्मीदवारों द्वारा जमा किए गए हजारों प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच करने का न तो अधिकार है और न ही साधन. हालांकि, यह समझा जाता है कि प्रमाण पत्रों की वास्तविकता की जांच और सत्यापन इस कार्य के लिए नियुक्त अधिकारियों द्वारा किया जाता है.
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पीएसके/एएस