नई दिल्ली, 1 अप्रैल . यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) आधारित ट्रांजेक्शन की संख्या में मार्च में मासिक आधार पर 13.59 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, और यह इस साल फरवरी के 16.11 अरब से बढ़कर मार्च में 18.3 अरब हो गई. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के मंगलवार को जारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है.
मार्च में यूपीआई-आधारित लेनदेन का मूल्य रिकॉर्ड 24.77 लाख करोड़ रुपये रहा, जो फरवरी के 21.96 लाख करोड़ रुपये से 12.79 प्रतिशत अधिक है.
एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार, दैनिक आधार पर यूपीआई ट्रांजेक्शन का औसत मूल्य 79,910 करोड़ रुपये और संख्या 59 करोड़ से अधिक रही, जो क्रमशः 1.9 प्रतिशत और 2.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
सालाना आधार पर, मार्च में यूपीआई ट्रांजेक्शन मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि और संख्या में 36 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो देश की डिजिटल भुगतान क्रांति की अजेय गति को दर्शाता है.
इस बीच, मंगलवार को डिजिटल पेमेंट यूजर्स को यूपीआई के जरिए ट्रांजेक्शन प्रोसेस करने में परेशानी का सामना करना पड़ा. एनपीसीआई ने इस परेशानी की वजह वित्त वर्ष 2024-25 के समापन को बताया है.
एनपीसीआई ने एक बयान में कहा, “वित्त वर्ष के समापन के कारण कुछ बैंकों को ट्रांजेक्शन को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ता है. यूपीआई सिस्टम ठीक तरह से काम कर रहा है और हम इस परेशानी को ठीक करने के लिए संबंधित बैंकों के साथ काम कर रहे हैं.”
एनपीसीआई ने न्यूमेरिक यूपीआई आईडी सॉल्यूशन पर हाल ही में यूपीआई नंबर से जुड़े भुगतानों के लिए कस्टमर एक्सपीरियंस बढ़ाने के उद्देश्य से नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. नए दिशानिर्देश मंगलवार 1 अप्रैल से प्रभावी हो गए हैं.
इन नए दिशानिर्देशों का पालन करना यूपीआई मेंबर बैंक, यूपीआई ऐप्स और थर्ड पार्टी प्रोवाइडर के लिए जरूरी होगा.
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, इनएक्टिव मोबाइल नंबर से जुड़ी यूपीआई आईडी भी इनएक्टिव हो जाएगी. अगर किसी यूपीआई यूजर का बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर लंबे समय से इनएक्टिव है, तो यूजर की यूपीआई आईडी भी अनलिंक हो जाएगी और यूजर यूपीआई सर्विस का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा.
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एसकेटी/एकेजे