यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला : नोएडा एसटीएफ ने वायु सेना के बर्खास्त कर्मी को पकड़ा

नोएडा, 6 मार्च . उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में नोएडा एसटीएफ ने दिल्ली के मुखर्जी नगर से वायु सेना से बर्खास्त एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. वह अपने दोस्त के साथ मिलकर सेना समेत अन्य परीक्षाओं में भर्ती के लिए एक कोचिंग सेंटर चला रहा था और उसी से फर्जीवाड़ा करता था.

आरोपी की पहचान प्रमोद कुमार पाठक के रूप में हुई है. वह नोएडा के सेक्टर-37 में रहता है. उसके पास से एक फर्जी आधार कार्ड, एक वायुसेना की फर्जी आईडी, 26 एडमिट कार्ड, 38 बैंक चेक, 14 पुलिस भर्ती से संबंधित प्रश्नपत्र मिले हैं.

17 और 18 फरवरी को उप्र पुलिस भर्ती के दौरान पेपर लीक हो गया था. इस कारण भर्ती निरस्त कर दी गई थी.

5 मार्च को मुखबिर से सूचना मिली कि मथुरा निवासी मोनू पंडित, उसका एक साथी परीक्षा का पेपर लीक करने वाले गिरोह का सरगना दिल्ली के मुखर्जी नगर में रह रहा है. जो मुखर्जी नगर में पेपर दे रहे लड़कों को सॉल्वर के तौर पर बैठाने की फिराक में हैं.

सूचना मिलते ही पुलिस मुखर्जी नगर पहुंची. यहां एक तिराहे पर तीन युवक खड़े थे. मुखबिर के इशारा करते ही प्रमोद कुमार पाठक को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के समय उसने बताया कि वह एयरफोर्स में कारपोरल के पद पर है. उसने एयरफोर्स की आईडी भी दिखाई. जिसके बाद उच्च अधिकारियों से संपर्क किया गया.

पूछताछ में पहले उसने बताया कि उनका पेपर लीक वाले गैंग और उसके सदस्यों से न तो कोई संपर्क है और न ही वह उनमें से किसी को जानता है. इसके बाद उसके दोनों मोबाइल चेक करने के लिए मांगा गया. मोबाइल चेक करने पर उसमें पेपर लीक कराने से संबंधित कई एसएमएस मिले.

सघन पूछताछ में उसने बताया कि खुद को वायु सेना में कार्यरत बताकर परीक्षा में बैठने वाले युवकों को पेपर लीक करके देने के एवज में 3 से लेकर 14-15 लाख रुपए तक लेता है.

उसने बताया कि उसका चचेरा साला मोहन, झांसी के मुकदमे में वांछित मोनू पंडित, गौरव, आशीष पालीवाल के साथ मिलकर पेपर लीक कराने और सॉल्वर बैठाने का काम करते हैं. वह वायु सेना से 2022 में बर्खास्त हो गया था.

उसने बताया कि मेरे पास पेपर बनारस के अखिलेश यादव और लखनऊ के राहुल ने भेजा था. उसके घर से जो 14 एडमिट कार्ड मिले हैं, सभी हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन परीक्षा से संबंधित हैं. इसके पास से एक लाल डायरी भी बरामद की गई है.

पूछताछ में उसने यह भी बताया कि साल 2017 से यह काम कर रहा है. 2018 में मोनू पंडित को साथ लेकर काम करना शुरू किया था. 2023 में केंद्रीय विद्यालय की परीक्षा का पेपर लीक कराया था, जिसमें बनारस का साथी जेल गया था.

पीकेटी/एबीएम