लखनऊ, 4 जनवरी . उत्तर प्रदेश में पर्यटन के साथ हॉस्पिटैलिटी सेक्टर भी बूम पर है. हॉस्पिटैलिटी और इससे जुड़े सेक्टर्स में लगातार रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं. पर्यटकों की बढ़ती संख्या के नाते स्वाभाविक रूप से उत्तर प्रदेश सर्वाधिक लाभान्वित राज्य है.
ग्लोबल हायरिंग इनडीड की एक रिपोर्ट के अनुसार 2023 में टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की रिक्तियों में 50 फीसद की वृद्धि देखी गई. अगले कुछ वर्षों तक इसमें 24 फीसद तक की और वृद्धि संभव है. इसका स्वाभाविक लाभ अयोध्या, वाराणसी, ब्रज और जेवर आदि और इनके आसपास के शहरों को मिलेगा. मसलन, राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के बाद से ही अयोध्या हॉस्पिटैलिटी सेक्टर का पसंदीदा स्थल बन कर उभरा है. कई नामचीन ब्रांड वहां होटल बनाने को लालायित हैं. ताज सहित दो दर्जन से अधिक होटलों के निर्माण को मंजूरी मिल चुकी है. स्थानीय होटल भी अपनी क्षमता के अनुसार अपनी प्रॉपर्टी के विस्तार और बेहतरी में लगे हैं.
अयोध्या तो इसका उदाहरण मात्र है. पर्यटकों की पसंद की अन्य जगहों पर भी कमोबेश यही स्थित है. एशिया का सबसे बड़ा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी तेजी से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के पसंदीदा स्थल के रूप में उभरा है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा तो पर्यटन को स्थानीय लोगों से जोड़कर इसे जन उद्योग बनाने की है. इसलिए वह प्रयागराज के महाकुंभ और मकर संक्रांति से लेकर करीब महीने भर तक गोरखनाथ मंदिर परिसर में चलने वाले खिचड़ी मेले तथा ऐसे ही अन्य अवसरों के लिए कह चुके हैं कि स्थानीय लोग पर्यटकों, श्रद्धालुओं की सेवा सत्कार से इसे ब्रांड बनाएं. सरकार अपनी ओर से इस बाबत जो संभव है, वह कर रही है.
प्रदेश में हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म के सेक्टर में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए योगी सरकार अयोध्या, लखनऊ, वाराणसी सहित प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में होटल्स के निर्माण में कुछ और छूट देने की भी सोच रही है. जगह के मानकों को लेकर कुछ छूट दी भी गई है. होम स्टे को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है.
आईटीसी मौर्या नई दिल्ली में बैंक्वेट मैनेजर रहे भव्य मल्होत्रा के मुताबिक प्रति कमरा, तीन सर्विस प्रोवाइडर किसी अच्छे होटल के लिए आदर्श स्थिति होती है. इसमें फ्रंट ऑफिस, हाउस कीपिंग, फूड एंड बेवरेज, लॉन्ड्री, फाइनेंस, एचआर, हॉर्टिकल्चर, सेल्स आदि विभाग होते हैं. अगर प्रॉपर्टी छोटी है तो कुछ विभाग न होने से सर्विस प्रोवाइडर्स की संख्या कुछ कम हो सकती है. पर, प्रति कमरा दो कर्मचारी तो होने ही चाहिए. इससे कम होने पर आप अपने ग्राहकों को संतोषजनक सेवा नहीं दे पाएंगे.
पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने का लाभ होटल इंडस्ट्री के अलावा इससे जुड़े एविएशन, रेलवे, सड़क परिवहन निगम और लॉजिस्टिक से जुड़े सेक्टर्स और स्थानीय लोगों को भी होगा. वहां के खास उत्पाद की खरीद होने पर स्थानीय कला या उत्पाद को व्यापक पहचान मिलेगी. मुख्यमंत्री की सबसे पसंदीदा योजना ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) की अपने आप ब्रांडिंग हो जाएगी.
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