ग्रेटर नोएडा, 26 सितंबर . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़ की है, उद्यमियों की भी सुध ली. जिसका नतीजा है कि उद्यमी आज कारोबारी सफलता की नई गाथा लिख रहे हैं. ग्रेटर नोएडा में आयोजित ‘यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो’ ऐसे ही ओडीओपी उद्यमियों की सफलता का नतीजा है.
‘यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो’ के ओडीओपी पवेलियन में अपना हुनर दिखा रहे सोहित कुमार प्रजापति कहते हैं कि काली मिट्टी से बर्तन (ब्लैक पॉटरी) बनाने का उनका पुश्तैनी काम है. लेकिन सरकारी सहायता नहीं मिलने के कारण एक समय ऐसी स्थिति भी आई कि उनको मजबूरन अपना पुश्तैनी काम छोड़ मुंबई जाकर भेलपूरी तक बेचना पड़ा. कोरोना काल में मुंबई से अपने पैतृक निवास लौटे सोहित को हर तरफ अंधेरा नजर आ रहा था. योगी सरकार ने ‘एक जिला एक उत्पाद’ के तहत ब्लैक पॉटरी को शामिल किया तो सरकारी मदद से इस कारोबार की रौनक लौट आई. यूपी सरकार ने सोहित को स्विट्जरलैंड भी भेजा. ट्रेड शो ने सोहित के कारोबार को नई ऊंचाई दी है.
यूपी का बांदा जिला शजर पत्थरों से बने आभूषणों के लिए जाना जाता है. शजर पत्थरों के कारोबार से जुड़े द्वारिका प्रसाद शर्मा कहते हैं कि एक समय पूरे बांदा में 80 फैक्ट्रियां थी. लेकिन पूर्व की सरकारों ने इस उद्योग की तरफ ध्यान नहीं दिया. एक समय तो ऐसा भी आया कि बांदा में केवल तीन कारखाने बचे. 2017 में योगी सरकार ने इस मृतप्राय उद्यम में जान फूंकी. ओडीओपी में इसे चुना गया. सरकार ने लोन भी दिया और सब्सिडी भी. विभिन्न प्रदर्शनियों में सरकार की तरफ से स्टॉल मुहैया कराया गया. यही नहीं विदेशी मेहमानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बतौर गिफ्ट जो उत्पाद दिए थे, उसमें शजर भी शामिल था.
दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी मूक बधिर बच्चों की संस्था है. मनप्रीत कौर बताती हैं कि दिव्यांग बच्चे कैंडल समेत अन्य उत्पाद बनाते हैं. पहली बार ये बच्चे ट्रेड शो में भाग ले रहे हैं, लेकिन इनके हाथों से बने बेहतरीन उत्पाद दर्शकों को अपनी ओर खींचने में सफल हो रहे हैं. मनप्रीत ने कहा कि योगी सरकार ने इन बच्चों के हौसलों को नई उड़ान दी है. 2018 में रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2018 में ही संस्था के 20 दिव्यांग बच्चों को यूपी सरकार ने प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर भेजा.
ओडीओपी पवेलियन में ग्लॉस हैंडीक्राफ्ट के स्टॉल को दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं. स्टॉल संचालक प्रतीश कुमार कहते हैं कि वो 1990 से इस कारोबार से जुड़े हैं. लेकिन दुर्भाग्य है कि पहले लोग इसे जानते तक नहीं थे. योगी सरकार ने ‘एक जिला एक उत्पाद’ के तहत इस उद्यम को प्रमोट किया तो लोगों में कौतूहल बढ़ा. लोग घरों के सजावट में उत्पादों का प्रयोग करने लगे. उनको योगी सरकार से पांच लाख रुपये का लोन मिला था. लोन से उन्होंने ना केवल संयंत्र खरीदे, बल्कि कारोबार के विस्तार में भी मदद मिली. यूपी सरकार का ट्रेड शो आयोजन कई लिहाज से मददगार है. विदेशों से खरीदार आए हुए हैं, कईयों ने प्रोडक्ट में दिलचस्पी भी दिखाई है.
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एससीएच/एबीएम