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ग्रेटर नोएडा, 8 नवंबर . उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वायड) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्रेटर नोएडा के कासना क्षेत्र से फरहान नबी सिद्दीकी नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. उस पर धार्मिक पुस्तकों की आड़ में विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने, विदेश से अवैध धन मंगाने और अवैध रूप से देश में रह रहे व्यक्तियों को पनाह देने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
सूत्रों के अनुसार, यूपी एटीएस को इनपुट प्राप्त हुआ था कि कासना स्थित एक निजी कंपनी में धार्मिक और साम्प्रदायिक तनाव भड़काने वाली किताबें छापी जा रही हैं और उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में प्रचार–प्रसार के लिए वितरित किया जा रहा है. यह भी संदेह था कि इस काम के लिए विदेश से हवाला माध्यमों से फंडिंग की जा रही है.
जांच में सामने आया कि फरहान नबी सिद्दीकी, नासी तोर्बा और अन्य सहयोगियों द्वारा इस्तांबुल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, हकीकत वाक्फी फाउंडेशन और रियल ग्लोबल एक्सप्रेस लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनियां संचालित की जा रही थीं. इनके माध्यम से हकीकत प्रिंटिंग पब्लिकेशन, डी-192, साइट-ईपीआईपी, कासना, ग्रेटर नोएडा में धार्मिक पुस्तकों की प्रिंटिंग की जा रही थी, जिनकी सामग्री समाज में शत्रुता और उन्माद फैलाने वाली बताई गई है.
गंभीर आरोप यह भी है कि इन कंपनियों में तुर्की और जर्मनी से आने वाले लोगों को बिना किसी Governmentी सूचना या रजिस्ट्रेशन के रुकवाया जाता था, और अवैध रूप से India में रह रहे बांग्लादेशियों को शरण दी जाती थी. इसके अलावा, फरहान और नासी तोर्बा द्वारा हवाला नेटवर्क के जरिए करीब 11 करोड़ रुपए विदेश से मंगाने की बात सामने आई है. इस धन का उपयोग उत्तर प्रदेश के अमरोहा और पंजाब में मदरसों, मस्जिदों और कंपनियों के नाम पर भूमि खरीदने में किया गया.
एटीएस ने पर्याप्त साक्ष्य जुटाने के बाद कासना से इस्तांबुल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के सह-निदेशक फरहान नबी सिद्दीकी को गिरफ्तार किया. एजेंसी द्वारा वित्तीय लेनदेन, विदेशी संपर्कों और प्रकाशन सामग्री की विस्तृत जांच जारी है. साथ ही संबंधित कंपनियों और अन्य व्यक्तियों की भी भूमिका खंगाली जा रही है. एटीएस आगामी दिनों में गिरफ्तार आरोपी का रिमांड लेकर गहन पूछताछ करेगी ताकि हवाला नेटवर्क, विदेशी लिंक और अवैध गतिविधियों से जुड़े अन्य चेहरों की पहचान की जा सके.
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पीकेटी/डीकेपी