उन्नाव, 24 फरवरी . उत्तर प्रदेश के उन्नाव में पुलिस टीम को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है. पुलिस ने बांग्लादेश के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो कम कीमत पर सऊदी अरब की मुद्रा रियाल देकर भारतीय मुद्रा लेकर लोगों के साथ ठगी करता था. गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और जिले में लगातार लोगों को अपना शिकार बनाकर लाखों रुपये की ठगी कर रहा था. मामले के संबंध में दो महिलाओं समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
उन्नाव के एसपी दीपक भूकर ने बताया कि रायबरेली के सरेनी थाना क्षेत्र के रहने वाले रहने वाले मोनू सोनी ने बीते 21 फरवरी को बीघापुर थाने में अज्ञात लोगों पर भारतीय मुद्रा लेकर सऊदी अरब की मुद्रा रियाल देकर ठगी करने का मुकदमा दर्ज कराया था.
एसपी ने एसओजी, सर्विलांस और बीघापुर थाने की टीम को अलर्ट किया. जांच में जुटी टीमों ने जब पड़ताल शुरू की तो पता चला कि कुछ लोग भारतीय मुद्रा के बदले रियाल देने का लालच देकर ठगी कर रहे थे. टीम ने सर्विलांस और एसओजी की मदद से मथुरा निवासी सरगना अब्दुल जलील, मासूम, मिंटू, हमीदा और अफरोज को गिरफ्तार किया. इनके पास से रियाल के करीब 20 नोटें बरामद हुए. पूछताछ के दौरान गिरफ्तार लोगों ने बताया कि वे भारतीय मुद्रा लेकर कागज के बंडल को रियाल बताकर ठगी करते थे. ठगी करने के बाद, जब तक कोई कुछ समझ पाता, वे वहां से फरार हो जाते थे.
पुलिस टीम ने इनके पास से बांग्लादेश और भारत के वीजा, पासपोर्ट, बांग्लादेश के पहचान पत्र के अलावा अन्य इंटरनेशनल आईडी भी बरामद की हैं.
एसपी दीपक भूकर ने खुलासा करते हुए बताया कि ये लोग लालच देकर ठगी करते थे. इनके खिलाफ हरदोई के अलावा उन्नाव में भी कई मुकदमे दर्ज हैं. एसपी ने बताया कि ये लोग पहले हरदोई जिले में पकड़े गए थे और जेल से जमानत पर बाहर आए थे. ये सभी मथुरा जिले में दस्तावेजों के जरिए अपनी पहचान छिपाकर रह रहे थे. इनके पास से मिले पासपोर्ट और वीजा कैसे बने, इसकी जांच की जा रही है.
एसपी ने आगे बताया कि घटना के बाद ये लोग सिम कार्ड तोड़कर फेंक देते थे और नए सिम में आईएमओ ऐप इंस्टॉल कर आपस में बातचीत करते थे. इन्हें सिम कार्ड इतनी आसानी से कैसे मिल जाते थे, इसकी भी जांच चल रही है. पुलिस ने पकड़े गए सभी जालसाजों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है.
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एफजेड/