बीजिंग, 15 दिसंबर . मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के सदस्य देशों का 16वां सम्मेलन (सीओपी16) 14 दिसंबर को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में संपन्न हुआ. सम्मेलन ने कन्वेंशन के 2025-2026 बजट, रेतीले तूफान की प्रतिक्रिया, सूखे की प्रतिक्रिया और वैज्ञानिक अनुसंधान एवं नवाचार को मजबूत करने सहित 39 संकल्प दस्तावेजों को अपनाया.
सीओपी16 में भाग लेने वाले लगभग 200 देशों ने भूमि को पुनः उपजाऊ बनाने और सूखे से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की प्राथमिकता बनाने का संकल्प लिया और इसे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा जलवायु परिवर्तन के अनुकूल ढलने की एक महत्वपूर्ण रणनीति के रूप में स्वीकार किया हैं.
साथ ही, दुनिया भर में, विशेष रूप से सबसे कमजोर देशों में मरुस्थलीकरण, भूमि क्षरण और सूखे के मुद्दों को संबोधित करने के लिए 12 अरब डॉलर से अधिक का वादा किया गया.
समापन पूर्ण सत्र में बोलते हुए, मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के कार्यकारी सचिव इब्राहिम थियाव ने कहा कि इस सम्मेलन ने भूमि और सूखे के मुद्दे को चर्चा के लिए व्यापक स्तर पर उठाया है और इसे जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता तथा खाद्य सुरक्षा जैसी परस्पर संबंधित चुनौतियों से निपटने के वैश्विक प्रयासों की आधारशिला के रूप में स्थापित किया है.
सम्मेलन के दौरान, चीनी प्रतिनिधिमंडल ने चीनी मंडप में कई गतिविधियां आयोजित कीं और कुल 10 से अधिक साइड इवेंट आयोजित किए, जिसमें कई देशों के गणमान्य व्यक्तियों ने संबंधित गतिविधियों में भाग लिया.
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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