नई दिल्ली, 31 जनवरी . शुक्रवार को शुरू संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने भाषण में मोदी सरकार की सफलताओं को उजागर किया. इसमें रोजगार, महिला सशक्तिकरण और भारत एआई मिशन जैसी योजनाओं का जिक्र शामिल है. राष्ट्रपति के अभिभाषण की केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी और एसपी बघेल ने जमकर तारीफ की.
केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा, “राष्ट्रपति का अभिभाषण बहुत प्रभावशाली रहा. उन्होंने अपने अभिभाषण के माध्यम से देश के युवाओं को बहुत शक्ति दी है. इसके अलावा उन्होंने सरकार द्वारा नवाचार को बढ़ावा देने के तरीके पर प्रकाश डाला. उन्होंने बहुत विस्तार से चर्चा की कि कैसे विकासात्मक परियोजनाओं और देश के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पिछले 10 वर्षों में काम किया गया है.”
इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा देश में बढ़ते मोटापे पर चिंता व्यक्त करने पर कहा, “सांसदों द्वारा खेल का आयोजन करना अच्छी पहल है और उन्होंने हमारे स्वास्थ्य के बारे में जो बातें कही हैं, उनसे खासकर युवाओं को सीख लेनी चाहिए. हमारा खाद्य तेल आयात बिल देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ डालता है. इस संदर्भ में, हमारे किसानों को खाद्य तेल मिशन के तहत प्रोत्साहित किया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने जन भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए भी आह्वान किया है.
केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कहा, “हमेशा की तरह, राष्ट्रपति की सरकार के रूप में उनका उल्लेख होता है, जिसके कारण वे अपने भाषण में अक्सर कहते हैं कि “मेरी सरकार ने ऐसा किया.” उन्होंने पिछले एक साल का लेखा-जोखा देश के सामने रखा है, जिसमें स्पष्ट होता है कि देश के हर वर्ग को लाभ मिला है. चाहे वो महिलाएं हों, किसान, व्यापारी या सरकारी कर्मचारी. उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने लगभग 12 करोड़ लोगों को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए शौचालय बनाए, 12 करोड़ प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास बनाए और लगभग 12 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि दी. उनकी सरकार ने आयुष्मान कार्ड बनाकर करीब 40 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया. अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म कर कश्मीर में शांति स्थापित की, और वहां लोकसभा और विधानसभा चुनाव कुशलता से संपन्न हुए. उनकी सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया और अंतरिक्ष में हमारी 100वीं उड़ान को संभव किया. खेल नीति के तहत, हमारी लड़कियों ने ओलंपिक में मेडल जीते. इन सब चीजों का जिक्र करना उनकी ओर से स्वागत योग्य है. मैं भी प्रतीक्षा कर रहा था कि पहले दिन या सत्र के दिन किस विषय पर चर्चा होगी, क्योंकि मेरा संसदीय जीवन 27वें साल में है और मैं हमेशा ऐसे मौकों को देखता रहा हूं.”
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पीएसएम/