‘सागरमाला 2.0’ से 12 लाख करोड़ रुपये के निवेश को मिलेगा बढ़ावा : केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली, 20 मार्च . केंद्र सरकार वर्तमान में ‘सागरमाला’ कार्यक्रम के तहत 5.79 लाख करोड़ रुपये की 839 परियोजनाओं पर काम कर रही है, जिसमें 1.41 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 272 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं.

अगली ‘सागरमाला 2.0’ पहल एक विजनरी अपग्रेड है, जिसमें जहाज निर्माण, मरम्मत, तोड़ने और पुनर्चक्रण पर नया ध्यान दिया जाएगा.

सरकार ने कहा कि 40,000 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन से इसका लक्ष्य अगले दशक में 12 लाख करोड़ रुपये के निवेश को बढ़ावा देना है.

केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के अनुसार, 2.91 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 234 बंदरगाह आधुनिकीकरण परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें से 103 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिससे 230 एमटीपीए क्षमता बढ़ेगी.

कनेक्टिविटी के क्षेत्र में 2.06 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 279 परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जिनमें से 92 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिससे 1,500 किलोमीटर बंदरगाह संपर्क को बढ़ावा मिला है.

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, “बंदरगाह आधारित औद्योगिकीकरण में 55,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 14 परियोजनाएं शामिल हैं, जिनमें से नौ पूरी हो चुकी हैं.”

तटीय सामुदायिक विकास और अंतर्देशीय जलमार्ग के तहत 26,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 310 से अधिक परियोजनाओं से 30,000 से अधिक मछुआरों और तटीय इंफ्रास्ट्रक्चर को लाभ मिला है.”

मंत्रालय ने सागरमाला के तहत तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 119 परियोजनाओं के लिए 10,000 करोड़ रुपये भी प्रदान किए हैं.

सोनोवाल ने चौथी राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति की बैठक में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, समुद्री क्षेत्र का मूल्य सागरमाला के साथ साकार हुआ है.”

उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे हम सागरमाला 2.0 की ओर बढ़ रहे हैं, हमारा ध्यान नए निवेशों के साथ जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को पूरा करने, तटीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और भारत को वैश्विक समुद्री लीडर के रूप में स्थापित करने पर है.”

सागरमाला ने भारत के बंदरगाहों को बेहतर बनाया है, तटीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया है, अंतर्देशीय जलमार्गों को पुनर्जीवित किया है और ग्लोबल लॉजिस्टिक्स रैंकिंग में सुधार किया है.

तटीय शिपिंग में एक दशक में 118 प्रतिशत की वृद्धि हुई, रो-पैक्स फेरी ने 40 लाख से अधिक यात्रियों को यात्रा करवाई और अंतर्देशीय जलमार्ग कार्गो में 700 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

नौ भारतीय बंदरगाह दुनिया के शीर्ष 100 में शुमार हैं, जिसमें विजाग टॉप 20 कंटेनर बंदरगाहों में शामिल है.

मंत्रालय समुद्री अमृत काल विजन (एमएकेवी) जैसी पहल के माध्यम से 2047 तक भारत के समुद्री क्षेत्र को बदलने के लिए भी काम कर रहा है.

एसकेटी/केआर