नई दिल्ली, 11 मार्च . लोकसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को तमिलनाडु में विकास कार्यों और केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि वह दो बार तमिलनाडु गए, एक बार कृषि विभाग के कामों से और दूसरी बार ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यों के लिए, लेकिन दोनों बार ना तो वहां के कृषि मंत्री बैठक में आए और ना ही ग्रामीण विकास मंत्री ने भाग लिया.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मैं कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं, लेकिन मैं यह निवेदन करना चाहता हूं कि केंद्र सरकार तमिलनाडु के किसानों और जनता के हित के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. मनरेगा के तहत 7,600 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जो अब तक का सबसे बड़ा आवंटन है. कृषि विभाग से संबंधित किसी भी विषय पर चर्चा के लिए मैं खुद तमिलनाडु आने को तैयार हूं.”
उन्होंने तमिलनाडु की महान संस्कृति, भाषा और परंपराओं का सम्मान करते हुए कहा कि हम तमिल भाषा और संस्कृति को प्रणाम करते हैं. भारत मां के सभी बेटे समान हैं, कोई भेदभाव नहीं होगा. तमिलनाडु के किसानों की सेवा करना हमारा कर्तव्य है.
शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किसानों के हित में लिए गए फैसलों पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि पहले किसानों को 1,000-2,000 रुपये भी ब्याज पर लेने पड़ते थे, लेकिन मोदी सरकार ने इस दर्द को समझा और पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के खातों में साल में तीन बार 2,000 रुपये की किस्त भेजने की व्यवस्था की.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु के किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ेगी. उन्होंने राज्य सरकार से भी अनुरोध किया कि वह सहयोग की भावना से केंद्र की योजनाओं को लागू करने में भाग लें, ताकि तमिलनाडु के किसानों और जनता को अधिक से अधिक लाभ मिल सके.
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डीएससी/एबीएम