नई दिल्ली, 27 मार्च . केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ‘इनोवेशन’ देश के ‘विकसित भारत’ सपने की ओर बढ़ने की कुंजी है. इसी के साथ ट्रेडमार्क सर्च और बौद्धिक संपदा (आईपी) प्रवर्तन में मॉडर्न टेक्नोलॉजी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा एनालिटिक्स की जरूरत बनी हुई है.
केंद्रीय मंत्री ने इनोवेटर्स और व्यवसायों के हितों की रक्षा के लिए मजबूत कॉपीराइट सुरक्षा उपायों के महत्व पर भी जोर दिया.
‘राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा पुरस्कार 2024’ कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने विधायी परिवर्तनों, प्रशासनिक सुधारों और इनोवेशन और रिसर्च को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई पहलों के जरिए आईपी इकोसिस्टम को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, “इनोवेशन हमेशा से हमारे डीएनए में रहा है. हमें बहुत गर्व है कि ‘शून्य’ की उत्पत्ति भारत से हुई है. शतरंज को भी अब एक खेल के रूप में पहचाना जा रहा है, जिसकी उत्पत्ति हमारी प्राचीन परंपरा चतुरंग से हुई है. ‘इनोवेशन’ देश के विकसित भारत बनने की यात्रा को परिभाषित करेगा.”
रिसर्च और डेवलपमेंट (आरएंडडी) के महत्व पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री गोयल ने जोर देकर कहा कि कोई भी देश इनोवेशन, नए विचारों, टेक्नोलॉजी-ड्रिवन प्रगति पर ध्यान केंद्रित किए बिना विकसित होने का दावा नहीं कर सकता.
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, “हमारे अमृत काल में जैसा कि हम भारत को एक लचीली अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं, आरएंडडी की एक महत्वपूर्ण होगी. हम नई टेक्नोलॉजी और विचारों का एक पावर हाउस बनने की ओर बढ़ रहे हैं.”
गोयल ने अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) के माध्यम से वैज्ञानिक प्रगति का समर्थन करने के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों की घोषणा की, जो सरकार, निजी क्षेत्र और शिक्षाविदों के बीच सहयोग की सुविधा प्रदान करेगा.
उन्होंने कहा, “‘एनआरएफ’ हितधारकों के बीच विज्ञान और टेक्नोलॉजी इनोवेशन के लिए उत्साह को बढ़ावा देगा.”
केंद्रीय मंत्री ने भारत के आईपी परिदृश्य में प्रमुख उपलब्धियों और सुधारों पर भी प्रकाश डाला.
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है, जो 2015 में 81 से लेटेस्ट रैंकिंग में 39 हो गई है.
भारत अब वैश्विक स्तर पर छठा सबसे बड़ा ट्रेडमार्क फाइलिंग वाला देश है, पिछले साल पेटेंट ग्रांट लगभग 1,00,000 तक पहुंच गया.
भारत के आईपी फ्रेमवर्क को और मजबूत बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री गोयल ने आईपी से जुड़े मामलों में अधिक न्यायिक सहायता की मांग की.
उन्होंने उच्च न्यायालयों में विशेष आईपी बेंच स्थापित करने और युवा लॉ की पढ़ाई करने वाले छात्रों को आईपी इकोसिटस्म से परिचित कराने के लिए इंटर्नशिप सिस्टम शुरू करने का प्रस्ताव रखा.
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