आईएमईसी सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया बोले, ‘युवाओं के लिए यह कॉरिडोर साबित होगा महत्वपूर्ण’

नई दिल्ली, 16 अप्रैल . केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बुधवार को नई दिल्ली में भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे रीति-नीति के हिसाब से यह कॉरिडोर संस्कृति को भी बढ़ाएगा.

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “भारत सरकार ने नेशनल करियर सर्विस पोर्टल बनाया है, जिसके साथ 44 लाख संस्थाएं जुड़ी हुई हैं. देश और दुनिया की कई कंपनियां इस पोर्टल के साथ जुड़ी हुई हैं और 31 करोड़ ई-श्रम पोर्टल भी उसके साथ लिंक हैं. इसके तहत किसी भी तरह की मैनपावर को आसानी से मुहैया कराया जा सकेगा. हमें दुनिया की डिमांड, सप्लाई और पोजीशन की समीक्षा की आवश्यकता होती है और उसके आधार पर हमें अपनी व्यवस्था बनानी होती है. सारी चीजों के लिए दुनिया के मॉडल को भारत में अपनाना यह जरूरी नहीं है, बल्कि हमें अपना मॉडल बनाना चाहिए और कोविड मैनेजमेंट इसका सबसे अच्छा उदाहरण है. कोविड के दौरान सरकार से लेकर कॉर्पोरेट तक ने हर किसी की मदद की, क्योंकि सेवा ही हमारा संस्कार है.”

मनसुख मांडविया ने आगे कहा, “इतिहास देखेंगे तो आप भारत को विश्व मार्केट के केंद्र में पाएंगे. हजारों सालों से कारोबार करने के लिए सब भारत को चुनते थे. वह सच्चाई आज भी चली आ रही है. पीएम मोदी के नेतृत्व में जब साल 2023 में आईएमईसी शुरू हुआ तो सबकी उम्मीदें भारत से बढ़ गईं. हमारे रीति-नीति के हिसाब से यह कॉरिडोर संस्कृति भी बढ़ाएगा. आने वाले समय में आईएमईसी कॉरिडोर से भारत विश्व इकोनॉमिक फोरम में तीसरा आर्थिक देश बनकर दिखाएगा.”

उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जिसकी 65 प्रतिशत आबादी 30 साल से कम उम्र की है. उनका बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है और यह कॉरिडोर उनके लिए महत्वपूर्ण साबित होगा.

केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान कहा, “भारत एक बड़ी आबादी वाला देश है और यहां की अर्थव्यवस्था तेजी के साथ बढ़ रही है. हाल ही में इजरायल ने कहा था कि उन्हें कारपेंटर और प्लंबर की जरूरत है, इसलिए मैं आने वाले दिनों में देश की हर यूनिवर्सिटी में एजुकेशन टू एंप्लॉयमेंट करियर लॉन्च शुरू करना चाहता हूं.”

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