नई दिल्ली, 23 मई . केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को कर्नाटक सरकार से राज्य की बिजली उपयोगिताओं के वार्षिक वित्तीय घाटे को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया.
केंद्रीय मंत्री ने सरकारी विभागों से संबंधित बकाया और सब्सिडी के समय पर निपटान के महत्व को रेखांकित किया.
साथ ही उन्होंने राज्य को इस साल अगस्त तक स्थानीय निकायों और कॉलोनियों सहित सभी सरकारी प्रतिष्ठानों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की सलाह दी.
बिजली मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ने सरकारी बिजली बकाया के कुशल प्रबंधन के लिए एक सेंट्रलाइज्ड पेमेंट मैकेनिज्म की जरूरत पर भी जोर दिया.
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बेंगलुरु में बिजली राज्य मंत्री श्रीपद नाइक, ऊर्जा राज्य मंत्री केजे जॉर्ज और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य में बिजली क्षेत्र की व्यापक समीक्षा की.
राज्य सरकार ने बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण की वर्तमान स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी. इसमें जनरेशन मिक्स, ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) में चुनौतियों और वितरण अवसंरचना में सुधार के लिए समर्थन की आवश्यकता जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई.
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने पावर मिक्स में रिन्यूएबल एनर्जी की बढ़ती हिस्सेदारी के लिए राज्य की सराहना की.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसका उद्देश्य जमीनी स्तर के मुद्दों की बेहतर समझ और राज्य में बिजली आपूर्ति को मजबूत करने के लिए नई पहलों की खोज करना था.
केंद्रीय मंत्री ने राज्य को समयबद्ध तरीके से वाणिज्यिक, औद्योगिक और अन्य उपभोक्ता श्रेणियों के लिए स्मार्ट मीटरिंग के रोलआउट में तेजी लाने का निर्देश दिया.
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बेंगलुरु में विभिन्न शहरी मिशनों के प्रदर्शन की भी समीक्षा की और उन्होंने इन मिशनों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया.
उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल से अनुमोदित प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद, बेंगलुरु मेट्रो चरण-2 परियोजना के संशोधित लागत अनुमान की केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए जांच की जाएगी.
राज्य सरकार ने लगभग 28,400 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से लगभग 37 किलोमीटर लंबे बेंगलुरु चरण-3 के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया है.
-
एसकेटी/एबीएम