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New Delhi, 14 नवंबर . केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने Friday को जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने कोरिया की प्रमुख शिपिंग कंपनियों के प्रमुखों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की.
इस बैठक में Union Minister पुरी और कोरिया की प्रमुख कंपनियों के प्रमुखों के बीच इस विषय को लेकर चर्चा हुई कि एनर्जी और शिपिंग किस प्रकार एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में अभिन्न अंग के रूप में महत्वपूर्ण बने हुए हैं.
उन्होंने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “आज कोरिया की प्रमुख शिपिंग कंपनियों के प्रमुखों के साथ एक बेहद उपयोगी बैठक हुई. मेरी कोरिया ओशन बिजनेस कॉर्पोरेशन (केओबीसी) के सीईओ एन ब्युंग गिल, एसके शिपिंग के सीईओ किम सुंग इक, एच-लाइन शिपिंग के सीईओ सियो म्युंग द्यूक और पैन ओशियन के वाइस प्रेसिडेंट सुंग जे योंग से मुलाकात हुई.”
Union Minister पुरी ने इस बैठक को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि हमने चर्चा की कि कोरिया की एडवांस शिपबिल्डिंग टेक्नोलॉजी और India का मैन्युफैक्चरिंग बेस और कम प्रोडक्शन लागत किस प्रकार साथ मिलकर एक पारस्परिक रूप से लाभकारी पार्टनरशिप को लीड कर सकते हैं, जो कि शिप को लेकर हमारी बढ़ती घरेलू जरूरतों को पूरा करने के साथ ग्लोबल जरूरतों को भी पूरा करने में अहम होगी.
उन्होंने एक्स पर India को लेकर कहा कि हमारा 150 अरब डॉलर से अधिक मूल्य का क्रूड और गैस आयात समुद्री मार्ग से होता है, जो कि हमारी एनर्जी और शिपबिल्डिंग वेसल की मांग के एक बड़े पैमाने को दर्शाते हैं.
इसके अलावा, Union Minister पुरी ने कहा कि ऑयल और गैस सेक्टर अकेले India के कुल व्यापार में वॉल्यूम को लेकर लगभग 28 प्रतिशत का योगदान देते हैं, जो कि इसे हमारे पोर्ट पर एक सिंगल लार्जेस्ट कमोडिटी बनाता है. बावजूद इसके इस कार्गो के केवल 20 प्रतिशत को भारतीय ध्वज वाले या भारतीय स्वामित्व वाले जहाजों पर ले जाया जाता है.
Union Minister पुरी ने लिखा, India की क्रूड ऑयल, एलपीजी, एलएनजी और ईथेन को लेकर मांग तेजी से बढ़ रही है. अकेले ओएनजीसी को लेकर अनुमान है कि इसे 2034 तक 100 ऑफोशोर सर्विस और प्लेटफॉर्म सप्लाई वेसल की जरूरत होगी. कुल मिलाकर यह दिखाता है कि ग्लोबल लीडर्स के साथ पार्टनरशिप कर India में ही शिप बनाना हमारी अहम जरूरत क्यों बनी हुई है.
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एसकेटी/