केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रूस के डिप्टी पीएम से की मुलाकात, रेयर अर्थ मेटल के साथ कई मुद्दों पर की चर्चा

सेंट पीटर्सबर्ग, 19 जून . केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को रूस के उपप्रधानमंत्री अलेक्सी ओवरचुक से मुलाकात की और ट्रांसपोर्ट, कनेक्टिविटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और रेयर अर्थ मेटल जैसे मुद्दों पर चर्चा की.

दोनों देश के दिग्गज लीडर्स के बीच यह मुलाकात रूस के सबसे बड़े शहरों में एक सेंट पीटर्सबर्ग में हुई है.

केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,”रूस के उपप्रधानमंत्री अलेक्सी ओवरचुक से मुलाकात की. ट्रांसपोर्ट, कनेक्टिविटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और रेयर अर्थ मेटल सहित सहयोग के प्रमुख मुद्दों को लेकर चर्चा की.”

सेंट पीटर्सबर्ग में भारत की कॉन्सुलेट जनरल की ओर से की गई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर की गई पोस्ट के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम (एसपीआईईएफ 2025) में भाग लेने के लिए सेंट पीटर्सबर्ग पहुंचे हैं.

एसपीआईईएफ 2025, 18 जून को शुरू हो चुकी है और यह 21 जून तक चलेगी.

रूस जाने से पहले रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 17 जून को हरियाणा के मानेसर में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड प्लांट में देश के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल का उद्घाटन किया था.

मारुति सुजुकी के प्लांट में नया गति शक्ति कार्गो टर्मिनल ऑटोमोबाइल परिवहन की लॉजिस्टिक्स दक्षता को काफी हद तक बढ़ाता है. मानेसर प्लांट 10 किलोमीटर के रेल लिंक के माध्यम से पाटली रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है, जो हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचआरआईडीसी) द्वारा विकसित किए जा रहे 121.7 किलोमीटर लंबे हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का हिस्सा है.

इस 10 किलोमीटर के लिंक के निर्माण के लिए 800 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है, जिसमें एचआरआईडीसी ने 684 करोड़ रुपए का योगदान दिया और शेष राशि मारुति सुजुकी द्वारा दी गई. इस गति शक्ति कार्गो टर्मिनल की लोडिंग क्षमता 4.5 लाख ऑटोमोबाइल प्रति वर्ष के साथ भारत में सबसे अधिक है.

उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में भारतीय रेलवे में बड़ा बदलाव आया है. 2014 से पहले भारतीय रेलवे का वार्षिक बजट 24,000 से 25,000 करोड़ रुपए था, जो कि बढ़कर अब 2.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है.

एबीएस/