New Delhi, 13 अक्टूबर . केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 16 से 18 अक्टूबर तक बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे. इस दौरान, वह एनडीए उम्मीदवारों की नामांकन रैलियों को संबोधित करेंगे और आगामी चुनावों की रणनीति बनाने के लिए बिहार भाजपा नेताओं के साथ बैठकें करेंगे.
एनडीए गठबंधन ने तय किया है कि 15 से 18 अक्टूबर तक पूरे बिहार में उम्मीदवारों के नामांकन होंगे. इसके लिए राज्य को अलग-अलग जोन में बांटा गया है. नामांकन के दिन हर जिले में एनडीए के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे.
विभिन्न राज्यों के एक दर्जन से ज्यादा Chief Minister और कई Union Minister भी नामांकन कार्यक्रमों में शामिल होंगे. एनडीए ने इन चार दिनों के सघन प्रचार और समन्वय के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है.
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए ने सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय कर लिया है. फॉर्मूले के तहत, भाजपा और जदयू इस बार 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. वहीं, एनडीए के सहयोगी दलों को 41 सीटें दी गई हैं.
सहयोगी दलों में लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को 6-6 सीटें दी गई हैं. इस बार भाजपा और जदयू दोनों बराबर सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं.
इससे पहले, 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू 115 सीटों पर, भाजपा 110 सीटों पर और अन्य सहयोगी दल 18 सीटों पर चुनाव लड़े थे. इस चुनाव में भाजपा ने 74 सीटों पर और जदयू ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके अलावा, सहयोगी दल 8 सीट जीतने में कामयाब रहे थे.
हालांकि, 2025 में भाजपा और जदयू के बीच 101-101 सीटों का बराबर बंटवारा हुआ है. इस बदलाव से यह साफ है कि भाजपा बिहार की राजनीति में अब जूनियर पार्टनर नहीं रही. Political जानकारों की मानें तो यह बराबरी का फॉर्मूला चुनावी मैदान में दोनों दलों के बीच समान साझेदारी का संदेश देगा.
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एमएस/पीएसके