नई दिल्ली, 7 जनवरी . एचएमपीवी के कहर को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कमर कस ली है. इसी बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में श्वसन संबंधी बीमारियों की वर्तमान स्थिति और उनके प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा की.
स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को आईएलआई (इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण) और एसएआरआई (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) की निगरानी को और मजबूत करने की सलाह दी. साथ ही, राज्यों से यह भी कहा गया कि वे निवारक उपायों के बारे में जनता में जागरूकता बढ़ाएं, ताकि ऐसे मामलों का समय पर पता लगाया जा सके.
स्वास्थ्य सचिव ने यह भी कहा कि राज्यों को ऐसे मामलों की निगरानी बढ़ाने और उनकी समीक्षा पर ध्यान देना चाहिए, ताकि श्वसन संबंधी बीमारियों से निपटने में कोई कमी न हो.
बता दें कि चीन से शुरू हुआ एचएमपीवी वायरस का कहर अब भारत तक पहुंच चुका है. कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल के अलावा तमिलनाडु में इस वायरस से जुड़े दो मामलों की पुष्टि हो चुकी है. इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार ने इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी कर दी है. केंद्र सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को पहले ही कह दिया कि हमें समय-समय पर इस संबंध में अपडेट देते रहना चाहिए.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एचएमपीवी वायरस मुख्य रूप से पीड़ित व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है. इसके लक्षण कई मामलों में कोविड-19 के समान ही होते हैं. हालांकि, ये वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को संक्रमित करता है. वायरस संक्रमित मरीज में सबसे आम लक्षण खांसी है. इसके साथ हल्का बुखार, घरघराहट, नाक बहना या गले में खराश जैसी परेशानी भी हो सकती है. वायरस से संक्रमित होने के बाद कुछ मामलों में गंभीर लक्षण आ सकते हैं. सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है.
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एसएचके/केआर