बहराइच, 20 जून . उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में स्थित कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग अब सिर्फ राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बनता जा रहा है. अपने एकदिवसीय दौरे पर पहुंचे केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कतर्नियाघाट की प्राकृतिक सुंदरता और संरक्षण कार्यों की जमकर सराहना की.
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्रांस गेरुआ स्थित घड़ियाल प्रजनन केंद्र का निरीक्षण किया और संरक्षण कार्यों की समीक्षा की. इस अवसर पर उन्होंने कहा, “हमने भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों का दौरा किया है, लेकिन कतर्नियाघाट जैसी खूबसूरत जगह कहीं नहीं देखी. यहां प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलीफेंट और प्रोजेक्ट डॉल्फिन के सटीक उदाहरण मिलते हैं. अब हमने प्रोजेक्ट घड़ियाल की दिशा में कदम उठाए हैं.”
उन्होंने कहा कि घड़ियाल, डॉल्फिन और कई दुर्लभ वन्यजीवों का बसेरा बनने के साथ ये क्षेत्र अब पर्यावरण पर्यटन के लिए एक आदर्श स्थल के रूप में उभर रहा है.
निरीक्षण के दौरान केंद्रीय मंत्री ने घड़ियाल प्रजनन केंद्र से कुछ घड़ियालों को गेरुआ नदी में छोड़ा, जिससे वन्यजीव जीव संरक्षण को और बल मिलेगा. साथ ही उन्होंने नौका विहार का आनंद लेते हुए गैंगेटिक डॉल्फिन के दुर्लभ दृश्य का भी दीदार किया. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “पीएम मोदी ने 7वीं नेशनल वाइल्ड लाइफ पर मीटिंग ली थी, उसमें कुछ निर्देश दिए गए. पीएम मोदी के निर्देश पर हमने डॉल्फिन प्रोजेक्ट पूरा किया. डॉल्फिन मित्र अभियान हम चलाना चाहते हैं. अभी हमने घड़ियाल को छोड़ा है, हम प्रोजेक्ट घड़ियाल शुरू करने वाले हैं.”
उन्होंने कहा कि कतर्नियाघाट प्रकृति की अद्भुत क्षमता को समेटे हुए है. भूपेंद्र यादव ने कहा, “मेरा मानना है कि यहां पर स्थानीय समुदाय, स्थानीय जनजाति की सहभागिता को सुनिश्चित करना चाहिए. मैंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जो भी विषय मीटिंग से निकले हैं, उनकी लिस्ट बनाकर दें. हम यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मीटिंग करेंगे, तो ग्राउंड विजिट हुई और रिपोर्ट बनी है, उनको साझा करेंगे. फिर आगे इसकी कार्ययोजना को लागू करेंगे.”
उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी प्रशंसा की.
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डीसीएच/केआर