नई दिल्ली, 14 मई . ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में युद्धविराम पर हुई सहमति के बाद बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पाकिस्तान के साथ तनाव कम होने के बाद यह पहली पूर्ण मंत्रिमंडल बैठक है. इस बैठक में भारत की संघर्ष के बाद की रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा की समीक्षा की उम्मीद है.
10 मई को घोषित युद्धविराम समझौता तीन दिन की तीव्र सैन्य कार्रवाई के बाद हुआ था.
युद्धविराम की घोषणा से पहले स्थिति तेजी से बिगड़ी और भारतीय वायुसेना ने निर्णायक हवाई हमले किए, जिनमें पाकिस्तान के 11 एयरबेस नष्ट हो गए. इस घटनाक्रम ने सैन्य समीकरण को काफी बदल दिया.
खास बात यह है कि युद्धविराम की पहली घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की, जिन्होंने कहा था कि कूटनीतिक प्रयासों से दोनों देशों को बातचीत की मेज पर लाने में सफलता मिली है.
अमेरिकी अधिकारियों ने बाद में पुष्टि की कि उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद के नेताओं के साथ मिलकर समझौता करवाया.
अमेरिका की मध्यस्थता की भूमिका को स्वीकार किया गया है, हालांकि भारत ने दोहराया कि उसने आत्मरक्षा में कार्रवाई की और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए अपने लक्ष्य स्वतंत्र रूप से हासिल किए.
बुधवार की मंत्रिमंडल बैठक से पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की थी, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुख- थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह शामिल थे.
आज की मंत्रिमंडल बैठक में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से मिली सफलता को मजबूत करने, युद्धविराम के बाद की कूटनीतिक और सैन्य रणनीति, और सीमा पर सतर्कता बनाए रखने के कदमों पर ध्यान केंद्रित होने की उम्मीद है.
मंत्रिमंडल अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंच बनाने के प्रयासों और पाकिस्तान के साथ सख्त शर्तों के तहत भविष्य में संभावित बातचीत पर भी चर्चा कर सकता है.
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एफएम/केआर