नई दिल्ली, 12 दिसंबर . केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से जुड़े विधेयक को मंजूरी दे दी है. संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, इसी सत्र में यह बिल संसद में पेश किया जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय कैबिनेट ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट को पहले ही मंजूरी दे दी है. यह बिल पूरे देश में एक चुनाव का मार्ग प्रशस्त करता है. सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार अब विधेयक (बिल) पर आम सहमति बनाना चाहती है. सरकार इसे विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी के पास भेज सकती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल सितंबर में चरणबद्ध तरीके से लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के कार्यान्वयन को मंजूरी दी थी.
सूत्रों के अनुसार, जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी. इस प्रक्रिया में अन्य स्टेकहोल्डर को भी शामिल किया जाएगा. जानकारी के अनुसार, संवैधानिक विशेषज्ञों के साथ सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों को इस चर्चा में शामिल किए जाने की उम्मीद है.
इस बिल पर आम लोगों की राय भी लेने की योजना है. विचार-विमर्श के दौरान बिल के प्रमुख पहलुओं, इसके फायदे और पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए जरूरी कार्यप्रणाली और चुनावी प्रबंधन पर बातचीत की जाएगी. इस मुद्दे पर विपक्षी दलों से बातचीत की जिम्मेदारी के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अर्जुन राम मेघवाल और किरेन रिजिजू को नियुक्त किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लागू करने के लिए कम से कम छह बिल लाने होंगे. केंद्र सरकार को संसद में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी. एनडीए को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में साधारण बहुमत हासिल है. लेकिन, केंद्र सरकार के लिए सदन में दो तिहाई बहुमत हासिल करना चुनौती भरा हो सकता है.
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एफजेड/जीकेटी