कोलकाता, 18 दिसंबर . पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर कहा, “इसे लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि लोकतंत्र में देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार और समान आचरण होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि पूजा पद्धति अलग-अलग हो सकती है, लेकिन कानून अलग क्यों होना चाहिए. धर्म के आधार पर कानून काम नहीं कर सकता. लेकिन, कांग्रेस ने देश में तुष्टीकरण की राजनीति के बीज बोए और आज वह पेड़ बनकर पूरे देश के लिए खतरा बन गया है. इसलिए हमारा मानना है कि सभी जगह एक समान कानून लागू होना चाहिए. धर्म और मान्यताएं अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन कानून कभी अलग नहीं हो सकता.”
दरअसल, 17 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान समान नागरिक संहिता पर बात की थी. उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 44 के तहत, हमारा संविधान समान नागरिक संहिता की बात करता है.
विचार-विमर्श की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बाद हर भाजपा शासित राज्य में यूसीसी लाया जाएगा. मैं कांग्रेस से पूछता हूं कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में, क्या सभी समुदायों के लिए एक कानून नहीं होना चाहिए.
मुस्लिम समुदाय पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान पर भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा, नितिन गडकरी ने जो कहा है, वह बिल्कुल सही है. क्योंकि, जहां पर मुस्लिम माइनॉरिटी में हैं, वहां पर उन्हें रहने में कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन जहां पर मुस्लिम मेजॉरिटी होती है वहां पर अन्य धर्मों के लोग अपने धर्म का पालन नहीं कर सकते हैं. वहां पर मानवता को कुचल दिया जाता है. इसलिए ये बात सही है कि 50 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम जनसंख्या होने पर देश व दूसरे धर्मों के लिए खतरा उत्पन्न हो जाएगा.
बता दें कि एक पॉडकास्ट में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था, “दुनिया के जिस किसी भी देश में मुस्लिम आबादी 51 फीसद पर पहुंच गई. वहां पर लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद खत्म हो गया.
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