संसद में बेरोजगारी, महंगाई, मणिपुर संकट, बंगाल के साथ भेदभाव पर होनी चाहिए चर्चा : सुष्मिता देव

नई दिल्ली, 10 दिसंबर . संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए. शोर-शराबे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि, मणिपुर संकट और पश्चिम बंगाल के साथ हो रहे भेदभाव पर चर्चा न होने और सत्ता पक्ष के शोर-शराबे के कारण तृणमूल सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया.

तृणमूल सांसद ने संसद भवन परिसर में से बात करते हुए कहा, “मंगलवार को राज्यसभा से तृणमूल कांग्रेस ने वॉकआउट किया. कुछ प्रमुख मुद्दे हैं जिन पर हम लगातार आवाज उठा रहे हैं. बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि, मणिपुर संकट और पश्चिम बंगाल के साथ हो रहे भेदभाव पर चर्चा होनी चाहिए. लेकिन बीजेपी इन पर चर्चा नहीं चाहती. अब, अगर उप सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, तो यह हमारा संवैधानिक अधिकार है और यह संसदीय नियमों के तहत आता है. इस पर बीजेपी ने शोर मचाया और मामले को बढ़ा दिया. यह सब इसलिए हो रहा है ताकि अविश्वास प्रस्ताव को दबाया जा सके और लोगों के मुद्दों को नजरअंदाज किया जा सके. इस विरोध में आज तृणमूल कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया.”

विपक्ष गठबंधन के नेतृत्व के बारे में उन्होंने कहा, ” ‘इंडिया’ ब्लॉक में कई पार्टियां हैं. विभिन्न पार्टियों के अलग-अलग दृष्टिकोण हो सकते हैं, खासकर नेतृत्व को लेकर वे अपनी राय रख रहे हैं. लेकिन जो भी निर्णय होगा, वह ‘इंडिया’ ब्लॉक की बैठक में ही लिया जाएगा. एक सच्चाई यह भी है कि अगर बीजेपी को चुनावों में बार-बार हार का सामना कराने वाला कोई है, तो वह ममता बनर्जी हैं. आप लोकसभा चुनाव के परिणाम देख लीजिए, या फिर छह उपचुनावों के नतीजे देखिए. यह स्पष्ट है कि ममता दीदी के खिलाफ बीजेपी बंगाल में लगातार हार रही है.”

पीएसएम/एकेजे