सीएम योगी के मार्गदर्शन में शिक्षा का नया युग, प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक यूपी ने लगाई लंबी छलांग

Lucknow, 9 अगस्त . उत्तर प्रदेश में Chief Minister योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत हो चुकी है. प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा, मेडिकल और व्यावसायिक प्रशिक्षण तक राज्य Government ने योजनाबद्ध सुधार, तकनीकी नवाचार और Governmentी-निजी साझेदारी के माध्यम से शिक्षा ढांचे में ऐतिहासिक बदलाव किए हैं.

ऑपरेशन कायाकल्प और प्रोजेक्ट अलंकार जैसी पहलों ने Governmentी स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया, जबकि उच्च शिक्षा में नए प्रयासों के साथ-साथ पुराने संस्थानों को भी बेहतर बनाया जा रहा है. केजीएमयू को नैक ए++ मिलना इसी का उदाहरण है जिसने उच्च शिक्षा को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दी. यही नहीं, उत्तर प्रदेश में मेडिकल, नॉलेज सिटी और हाइटेक एजुकेशन के विस्तार से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग और व्यावसायिक प्रशिक्षण तक किए जा रहे प्रयासों का लक्ष्य है कि प्रदेश का हर छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगारोन्मुख कौशल और वैश्विक मानकों के अनुरूप अवसर प्राप्त कर सके.

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) ने नैक के नवीनतम मूल्यांकन में ए++ ग्रेड प्राप्त कर लिया है, जिसमें सीजीपीए 3.67 अंक प्राप्त हुआ है. नैक की टीम ने 31 जुलाई से 2 अगस्त तक केजीएमयू का निरीक्षण किया और विभिन्न क्राइटेरिया में उच्च स्कोर दिए. प्रदेश Government के प्रयासों से मेडिकल शिक्षा में पारदर्शिता, तकनीकी उन्नयन और बेहतर संसाधन उपलब्ध कराए गए, जिसका सीधा असर केजीएमयू जैसे संस्थानों के प्रदर्शन पर पड़ा है. यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नई पहचान दिला रही है. प्रदेश Government का लक्ष्य है कि 2025–26 तक राज्य के 25% कॉलेजों का नैक मूल्यांकन हो जाए.

इसमें लगभग 1,000 कॉलेज पहले ही शॉर्टलिस्ट हुए हैं. इसके अतिरिक्त, निजी क्षेत्र को शामिल करने की छूट के तहत कई विश्वविद्यालयों को प्रदेश में प्रवेश की मान्यता मिली है. इसी कड़ी में उन्नाव में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के रूप में पहली एआई-ऑगमेंटेड यूनिवर्सिटी का शुभारंभ किया गया है. इन प्रयासों से उच्च शिक्षा में निजी भागीदारी को बल मिला है. हाल ही में, Chief Minister की अगुवाई में योगी कैबिनेट ने “India रत्न अटल बिहारी वाजपेयी-चिवनिंग उत्तर प्रदेश राज्य Government छात्रवृत्ति योजना” को मंजूरी दी है. यह योजना प्रदेश के मेधावी छात्रों को यूनाइटेड किंगडम (यूके) में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगी.

उत्तर प्रदेश ने पिछले आठ वर्षों में मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर में परिवर्तन लाया है. अब तक 80 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं. साथ ही गोरखपुर में नए आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना भी हुई. दूसरी तरफ, हाईटेक शिक्षा को लेकर भी अनूठे प्रयास किए गए हैं, जिसके तहत Kanpur, गोरखपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में नॉलेज सिटी के विकास की योजना है. इनका उद्देश्य उत्तर प्रदेश को एक ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में बदलना और उच्च शिक्षा व शोध में वैश्विक मानक स्थापित करना है.

उत्तर प्रदेश की युवा प्रतिभाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में हरसंभव सहयोग देने के Chief Minister योगी आदित्यनाथ के संकल्प को समाज कल्याण विभाग की Chief Minister अभ्युदय योजना लगातार साकार कर रही है. प्रदेश के हजारों युवा इस योजना के माध्यम से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर चुके हैं. ग्रामीण और गरीब तबकों के प्रतिभावान युवाओं के लिए यह योजना उम्मीद की एक नई किरण बनकर उभरी है. योगी Government द्वारा इस योजना के माध्यम से छात्रों को नि:शुल्क कोचिंग, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे वे यूपीएससी, पीसीएस, जेईई, नीट जैसी कठिन परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकें. योगी Government ने इस योजना को राज्य के 75 जनपदों में सफलतापूर्वक संचालित कर रही है, जहां करीब 166 केंद्र संचालित हो रहे हैं.

उत्तर प्रदेश Government ने पिछले आठ वर्षों में परंपरागत उद्यमों को पुनर्जीवित किया है. प्रदेश Government 2 करोड़ युवाओं को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के लिए स्मार्टफोन और टैबलेट उपलब्ध करवा रही है, जिनमें से 50 लाख युवा अब तक लाभान्वित हो चुके हैं. इसके अलावा, टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से 150 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को न्यू-एज टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ा गया है, ताकि उद्योगों और बाजार की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके. प्रदेश में 400 के करीब राजकीय और 3000 निजी आईटीआई संचालित हैं, जहां न्यूनतम शुल्क पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. Government निजी आईटीआई में पढ़ने वाले छात्रों को स्कॉलरशिप और अन्य प्रोत्साहन भी दे रही है. इसके अलावा अब प्रदेश की 120 से ज्यादा पॉलीटेक्निक को भी टाटा टेक्नोलॉजी की मदद से अपग्रेड किए जाने की योजना है.

ऑपरेशन कायाकल्प ने 2017 से अब तक Governmentी स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार किया है. स्कूलों में मूल सुविधाएं 36% से बढ़कर 96% हो चुकी हैं, 1.32 लाख स्कूलों में लाइब्रेरी बनी है, और 15.37 करोड़ मुफ्त पाठ्यपुस्तकें वितरित की गई हैं. प्रोजेक्ट अलंकार के तहत, 2,441 माध्यमिक Governmentी स्कूलों को 35 इंफ्रास्ट्रक्चर मानकों पर अपग्रेड किया गया, जिसमें स्मार्ट क्लास, लैब, पुस्तकालय और कामकाजी वातावरण शामिल है. इससे Governmentी सेकेंडरी स्कूलों में नामांकन में 23% की वृद्धि हुई और प्राथमिक विद्यालयों में उपस्थिति में भी सुधार हुआ है. इससे छात्रों को स्मार्ट क्लास, डिजिटल लर्निंग, खेलकूद और अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा का विस्तार किया जा रहा है.

प्रदेश के श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सभी 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, जबकि बेटियों के लिए भी आवासीय शिक्षा के लिए कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है. इसके अतिरिक्त, प्रदेश के गरीब और वंचित तबके के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और उनके सर्वागीण विकास के लिए प्रदेश Government ने प्रदेश के चिन्हित माध्यमिक विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा की व्यवस्था की है. कई Governmentी स्कूलों में एनसीईआरटी आधारित सिलेबस अपनाया गया है ताकि छात्रों को एकरूप और उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिले.

एबीएम/डीएससी