नई दिल्ली, 7 नवंबर . केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पीएम विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दिए जाने की सराहना की है. यह योजना केंद्रीय क्षेत्र के तहत मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम है.
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने योजना को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि पीएम विद्यालक्ष्मी योजना भारत के प्रतिभाशाली युवाओं के लिए 21वीं सदी की उच्च शिक्षा तक पहुंच को यूनिवर्सल बनाने में मददगार होगी.
उन्होंने आगे कहा, “3,600 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ यह योजना उच्च शिक्षा में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी और देश की युवा शक्ति को अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम बनाएगी.”
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत जमानत-मुक्त और गारंटर-मुक्त एजुकेशन लोन से मेधावी छात्रों के लिए उच्च शिक्षा तक पहुंच को आसान बनाया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि वित्तीय बाधाएं छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने से न रोकें.
जिन विद्यार्थियों की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये तक है, वे 10 लाख रुपये तक के एजुकेशन लोन पर 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान पाने के पात्र होंगे साथ ही वे 7.5 लाख रुपये तक के लोन पर 75 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी के पात्र होंगे.
योजना को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एजुकेशन लोन पारदर्शी, छात्र-अनुकूल और डिजिटल आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान किया जाएगा.
योजना के तहत एनआईआरएफ के आधार पर टॉप 860 उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने वाले छात्रों को एजुकेशन लोन की सुविधा दी जाएगी. इस योजना से हर साल 22 लाख से अधिक छात्र लाभान्वित हो सकेंगे.
मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी) 2020 की एक प्रमुख सिफारिश है. पीएम विद्यालक्ष्मी एनईपी इस ओर ओक ठोस कदम माना जा रहा है. पीएम विद्यालक्ष्मी योजना गरीब और मध्यम वर्ग के लाखों छात्रों को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगी.
योजना के तहत उच्च शिक्षा विभाग के पास एक पोर्टल ‘पीएम-विद्यालक्ष्मी’ होगा, जिस पर छात्र सभी बैंकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षा ऋण के साथ-साथ ब्याज अनुदान के लिए आवेदन कर सकेंगे.
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एसकेटी/केआर