पीएम ई-ड्राइव योजना में सरकार ने दोपहिया ईवी के उपयोग के बढ़ाने के लिए आवंटित किए 1,772 करोड़ रुपए : केंद्रीय मंत्री

New Delhi, 22 जुलाई . केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने Tuesday को कहा कि सरकार ने पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत देश में दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए 1,772 करोड़ रुपए आवंटित किए है और इसके तहत 24.79 लाख दोपहिया ईवी पर सब्सिडी दी जाएगी.

Lok Sabha में पूछे गए सवाल का लिखित में जवाब देते हुए Union Minister ने कहा, “पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना का नोटिफिकेशन सरकार द्वारा 29 सितंबर, 2024 को जारी किया गया था. इसमें अगले दो साल के लिए देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ाने के लिए 10,900 करोड़ रुपए का परिव्यय निर्धारित किया गया है.”

Union Minister ने कहा कि इस योजना के तहत दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट के लिए 1,772 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. इससे अधिकतम 24.79 लाख दोपहिया ईवी पर सब्सिडी दी जाएगी.

वहीं, तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट के लिए 907 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जिससे 3.15 लाख तिपहिया ईवी को सपोर्ट किया जाएगा.

सरकार ने इलेक्ट्रिक ट्रकों को प्रोत्साहित करने के लिए 500 करोड़ रुपए पीएम ई-ड्राइव के तहत आवंटित किए हैं, जिससे अधिकतम 5,643 इलेक्ट्रिक ट्रकों पर सब्सिडी दी जाएगी.

इसके अतिरिक्त,पीएम ई-ड्राइव के तहत 14,028 ई-बसों को सपोर्ट करने के लिए 4,391 इलेक्ट्रिक वाहनों को सपोर्ट किया जा रहा है.

Union Minister के मुताबिक, इस योजना के तहत सरकार ने ईवी चार्जिंग स्टेशन को सपोर्ट करने के लिए 2,000 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं.

इसके अतिरिक्त एक अन्य सवाल के जवाब में Union Minister ने बताया कि ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना, चैंपियन ओईएम श्रेणी के तहत आवेदकों को एडवांस ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (एएटी) वाहनों की निर्धारित (वृद्धिशील) बिक्री पर 13 प्रतिशत से 18 प्रतिशत का प्रोत्साहन प्रदान करती है और कंपोनेंट चैंपियन श्रेणी के तहत आवेदकों को एएटी कंपोनेंट्स की निर्धारित बिक्री पर 8 प्रतिशत से 13 प्रतिशत (बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के एएटी कंपोनेंट्स के लिए अतिरिक्त 5 प्रतिशत) का प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है.

पीएलआई ऑटो के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) अनिवार्य है,जो भारत में ऑटोमोटिव आपूर्ति श्रृंखला में विनिर्माण को बढ़ावा देता है.

एबीएस/