बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत 1752 लोगों को मिला प्रमाणपत्र और पहली किस्त, अब शुरू करेंगे रोजगार

समस्तीपुर, 29 दिसंबर . बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत समस्तीपुर जिले के जिला उद्योग केंद्र परिसर में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में 61 विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण प्राप्त 1752 लोगों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए. प्रमाणपत्र के अलावा, इन लोगों को रोजगार शुरू करने के लिए 50-50 हजार रुपये की प्रथम किस्त भी दी गई. इस योजना से अब ये प्रशिक्षित लोग खुद का व्यवसाय शुरू कर सकेंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी.

इस अवसर पर जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक विवेक कुमार शर्मा ने बताया कि बिहार लघु उद्योग योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है. चयनित लोगों की वार्षिक आय 72 हजार रुपये से कम है. इस साल 2038 लोगों का चयन किया गया था, जिनमें से 1752 लोगों को 61 विभिन्न प्रकार के कारोबारों में विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया. प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इन लोगों को व्यवसाय शुरू करने के लिए 50 हजार रुपये की पहली किस्त दी गई. प्रशिक्षण प्राप्त किए गए व्यवसायों में ब्यूटीशियन, मसाला उद्योग, आटा चक्की, मच्छरदानी और मछली पालन जैसे क्षेत्र शामिल हैं.

महाप्रबंधक ने आगे बताया कि जब लाभार्थी 50 हजार रुपये की यूटिलिटी रिपोर्ट सबमिट करेंगे तो उन्हें दूसरी किस्त के रूप में एक लाख रुपये और मिलेंगे. इसके बाद जब वह एक लाख रुपये का निवेश कर अपने व्यवसाय को बढ़ाएंगे, तो सरकार द्वारा उन्हें फिर से 50 हजार रुपये की राशि दी जाएगी. योजना के तहत प्रदान की जाने वाली 2 लाख रुपये की राशि और प्रशिक्षण से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग अपना नया रोजगार शुरू कर सकेंगे और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकेंगे. यह कदम उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगा और नए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.

कार्यक्रम के दौरान कई लाभार्थियों ने अपनी कहानी साझा की. लाभार्थियों ने बताया कि इस योजना से उन्हें अपने भविष्य को संवारने का एक सुनहरा अवसर मिला है.

ब्यूटीशियन की ट्रेनिंग लेने वाली मोरवा प्रखंड की जूही बरनवाल ने को बताया कि मैं अब ब्यूटी पार्लर खोलकर आत्मनिर्भर बनना चाहती हूं. पहले किस्त के रूप में मिली 50 हजार रुपये से मैं अपनी दुकान के लिए सामान की खरीदारी करूंगी.

मसाला उत्पादन के लिए ट्रेनिंग लेने वाली लवली कुमारी ने बताया कि मुझे मसाला उत्पादन के लिए प्रशिक्षण दिया गया है. अब मैं ग्रामीण क्षेत्र में मसाला उत्पादन करूंगी, उसकी पिसाई करूंगी और पैकिंग कर उसे बाजार में बेचने का काम करूंगी.

मच्छरदानी (मॉस्किटो नेट) बनाने की ट्रेनिंग प्राप्त लेने वाली पूजा जायसवाल ने को बताया कि पहली किस्त की राशि मिल गई है. मैं मच्छरदानी बनाने के साथ-साथ मछली पकड़ने के लिए जाल भी तैयार करूंगी. इसके साथ ही खेतों की घेराबंदी के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकेगा.

पीएसके/एएस