तेल की अस्थिरता के बीच अपरिवर्तित खुदरा ईंधन की कीमतें इंडस्ट्री के लिए बनेंगी लाभदायक : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर | मौजूदा भू-राजनीतिक तनावों और तेल की बदलती कीमतों के बीच अपरिवर्तित खुदरा ईंधन कीमतें उद्योग को लाभ प्राप्त करने में मदद करेंगी.

गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 तक 10 वर्षों की अवधि में परिचालन लाभ औसतन 9-11 डॉलर प्रति बैरल से अधिक होगा. क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के निरंतर पर्याप्त पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) को समर्थन मिलेगा.

अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 में तेल विपणन कंपनियों का परिचालन लाभ पिछले वित्त वर्ष के 20 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 12-14 डॉलर प्रति बैरल रह जाएगा.

डीजल की कीमतों में नरमी, रूसी कच्चे तेल पर छूट कम होने और इन्वेंट्री नुकसान के प्रभाव के कारण कीमतों में नरमी आने की उम्मीद की जा रही है.

कच्चे तेल की कीमत इस समय औसतन 75 डॉलर प्रति बैरल है, जो वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में 82 डॉलर प्रति बैरल थी.

क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक आदित्य झावेर के अनुसार, इस वित्त वर्ष में सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) में भारी गिरावट देखी जा रही है और इसके औसतन 3-5 डॉलर प्रति बैरल रहने की संभावना है.

साथ ही डीजल का प्रसार भी संतुलित हो जाएगा, क्योंकि वैश्विक स्तर पर रिफाइनरियों ने उत्पादन बढ़ा दिया है, जबकि खपत कम हुई है.

उन्होंने कहा, “इसके बावजूद, कुल रिटर्न को विपणन मार्जिन (परिचालन व्यय के बाद) से बल मिलेगा, जो खुदरा ईंधन की कीमतों में कोई कमी नहीं होने के बावजूद 4.5 रुपये प्रति लीटर (या 9 डॉलर प्रति बैरल) पर जारी रहने की संभावना है.”

तेल विपणन कम्पनियां दो व्यवसायों से आय अर्जित करती हैं – रिफाइनिंग व्यवसाय और विपणन व्यवसाय.

जबकि वित्त वर्ष 2024 में तेल की कीमत सालाना आधार पर 11 प्रतिशत घटकर औसतन 83 डॉलर प्रति बैरल रह गई, इन्वेंट्री मूल्य में उतार-चढ़ाव का समग्र जीआरएम (12 डॉलर प्रति बैरल बताया गया) पर मामूली प्रभाव पड़ा.

उच्च डीजल प्रसार के कारण कोर मार्जिन तो ठीक रहे लेकिन भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई, जिससे अंतरराष्ट्रीय कीमतें ऊंची रहीं.

इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े पैमाने पर अपरिवर्तित खुदरा ईंधन दरों के परिणामस्वरूप 4 रुपये प्रति लीटर या 8 डॉलर प्रति बैरल का अच्छा विपणन मार्जिन (परिचालन व्यय के बाद) हुआ, जिससे वर्ष के लिए कुल मिलाकर 20 डॉलर प्रति बैरल का उच्च लाभ हुआ.

परिणामस्वरूप अनुमानित 52,000-54,000 करोड़ रुपये की संचयी नकदी प्राप्ति, ओएमसी द्वारा नियोजित 90,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय को सहायता प्रदान करेगी.

क्रिसिल रेटिंग्स की एसोसिएट डायरेक्टर जोआन गोंजाल्वेस ने कहा, “हालांकि मुनाफे में सालाना आधार पर नरमी आ सकती है. लेकिन, उद्योग द्वारा पूंजीगत व्यय जारी रखने की उम्मीद है, जिसकी फंडिग ऋण से होगी.”

एसकेटी/जीकेटी