हरियाणा आईपीएस सुसाइड केस की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच जरूरी : आईपीएस पंकज चौधरी

jaipur, 9 अक्टूबर . Haryana के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के आत्महत्या मामले पर Rajasthan के वरिष्ठ आईपीएस पंकज चौधरी ने दुख जताया है. इसके साथ ही उन्होंने घटना की निष्पक्ष जांच की मांग भी है.

आईपीएस पंकज चौधरी ने कहा कि Police का अधिकारी अगर जाति, धर्म और क्षेत्र से प्रभावित होगा तो वह न्याय नहीं कर पाएगा. लेकिन अगर Police अधिकारी के साथ जाति-धर्म के आधार पर इस तरह की घटनाएं घटती हैं, जिसके लिए वह लगातार न्याय की मांग कर रहा है, तो यह पूरे देश की Police के लिए शर्मनाक बात है.

आईपीएस ने कहा कि यह एक बहुत ही दुखद घटना है, क्योंकि Police लोगों की रोल मॉडल होती है. लेकिन अगर Police का ही अधिकारी इस तरह से दुर्घटना का शिकार हो रहा है, तो यह शर्म की बात है. उन्होंने कहा कि इस पर एक निष्पक्ष जांच की जरूरत है. सुसाइड नोट और दूसरे तथ्यों के आधार पर जिस तरह की जानकारी सामने आ रही है, उससे लगता है कि यह प्रताड़ना कोई एक-दो दिन की नहीं थी, बल्कि यह सालों से चल रही थी. यह एक ईमानदार अधिकारी को रोकने का प्रयास हो रहा था.

उन्होंने कहा कि इस घटना की पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से जांच होनी चाहिए, ताकि इस वारदात में शामिल लोगों की पहचान हो सके और उनको सजा मिल सके.

इससे पहले Haryana के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की संदिग्ध आत्महत्या के मामले में उनकी पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 Police स्टेशन के एसएचओ को पत्र लिखकर Haryana के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरानिया के खिलाफ प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं.

उन्होंने बीएनएस की धारा 108 (उकसाने के लिए आत्महत्या) और एससी-एसटी एक्ट के तहत दोनों अधिकारियों के खिलाफ First Information Report दर्ज करने और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की.

अमनीत ने दावा किया कि इन अधिकारियों की जातिगत प्रताड़ना के कारण ही उनके पति ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मार ली.

अमनीत 2001 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में Haryana के सिविल एविएशन व महिला एवं बाल विकास विभाग में कमिश्नर हैं.

एमएस/जीकेटी