जिनेवा, 25 अक्टूबर . संयुक्त राष्ट्र (यूएन) एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि गाजा पट्टी में आम लोग भयावह संकट से गुजर रहे हैं. उन्होंने सभी पक्षों से स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए पर्याप्त मानवीय सहायता प्रदान करने का आह्वान किया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र के क्षेत्रीय आपातकालीन निदेशक रिक ब्रेनन ने मंगलवार को बताया कि गाजा पर जारी बमबारी के कारण पांच हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है. उनमें आधी महिलाएं और बच्चे हो सकते हैं.
ब्रेनन काहिरा से यहां एक प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि गाजा के अस्पतालों में से एक-तिहाई अब बंद हो गये हैं. लंबी बीमारियों से पीड़ित लोगों को उनकी ज़रूरत की सेवाओं तक पहुंच नहीं मिल पा रही है और उनकी मृत्यु दर बढ़ने की भी आशंका है.
डब्ल्यूएचओ अधिकारी के अनुसार, वहां हर दिन अनुमानत: 150 से 200 महिलाएं बच्चे को जन्म दे रही हैं, और प्रसव के दौरान कठिनाइयों का सामना करने वाली महिलाओं को विशेष जोखिम है.
उन्होंने कहा, “लगभग 14 लाख लोग अब गंभीर रूप से विस्थापित हो गए हैं. इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में लोगों का विस्थापित होना अभूतपूर्व है. यह अविश्वसनीय रूप से कठिन स्थिति है. जल्द ही संक्रामक रोग भी फैल सकते हैं.”
ब्रेनन ने इस बात पर भी जोर दिया कि अस्पतालों और एम्बुलेंसों के कामकाज के लिए ईंधन का होना नितांत आवश्यक है. डब्ल्यूएचओ निरंतर बड़े पैमाने पर संरक्षित मानवीय अभियान की वकालत कर रहा है.
फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) की तमारा अल्रिफाई ने अम्मान से ब्रीफिंग में बताया कि 21 अक्टूबर से मानवीय आपूर्ति के तीन काफिले 54 ट्रकों के साथ गाजा पट्टी में प्रवेश कर चुके हैं.
उन्होंने कहा कि संघर्ष से पहले, गाजा पट्टी में हर दिन 500 ट्रक आ रहे थे, इसलिए पिछले तीन दिनों में प्रति दिन 15 से 20 ट्रक जो गाजा पहुंचे थे, वे जरूरत से बहुत कम थे.
उन्होंने कहा कि यूएनआरडब्ल्यूए ने मानवीय घेराबंदी हटाने का आह्वान किया और गाजा पट्टी तक निरंतर और निर्बाध मानवीय मदद पहुंच का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि विस्थापित लोगों को जल्द ही सर्दियों के लिए गर्म कपड़ों की आवश्यकता होगी.
उन्होंने कहा, “भीड़भाड़ के कारण कई लोग बाहर खुले में सो रहे हैं जिससे सर्दी आने पर बहुत मुश्किल हो जाएगी.”
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एकेजे