मॉस्को, 4 मार्च . यूक्रेनी सीमा रक्षक कुर्स्क क्षेत्र में रूसी सेना के खिलाफ लड़ाकू अभियान चलाने से इनकार कर रहे हैं. रूस की सरकारी समाचार एजेंसी रिया नोवोस्ती ने मंगलवार को उपलब्ध वीडियो रिकॉर्डिंग के हवाले से यह दावा किया.
रिपोर्ट में एक वीडियो में एक यूक्रेनी सार्जेंट लड़ाई के मुश्किल हालात का जिक्र करते हुए कहता है कि रेडियो कम्युनिकेशन खराब है; दूसरी इकाइयों के साथ कोई संचार नहीं है. कामकाज के निर्देश वास्तविकताओं के मुताबिक नहीं है.
वीडियो में बताया गया कि कई यूक्रेनी सीमा रक्षकों ने अपनी नैतिक और मनोवैज्ञानिक स्थिति के कारण यह काम करने से मना कर दिया और अपनी खराब स्वास्थ्य स्थिति का भी हवाला दिया.
रिपोर्ट के अनुसार, सीमा रक्षकों में से एक ने कहा कि उसे अपनी जान गंवाने का डर है.
पिछले सप्ताह रूस की समाचार एजेंसी तास ने एक रक्षा अधिकारी के हवाले से कहा था कि यूक्रेनी सैन्य कमान को पता है कि सीमावर्ती कुर्स्क क्षेत्र में घुसपैठ के कारण उसे भारी नुकसान हुआ है, जबकि युद्ध संचालन का क्षेत्र यूक्रेन के सुमी क्षेत्र में स्थानांतरित हो रहा है.
फरवरी में रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया था कि कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन के 61,000 से ज्यादा सैनिक मारे गए.
रूसी सैन्य अखबार ‘क्रास्नाया ज्वेज्दा’ से बात करते हुए एक वरिष्ठ रूसी सैन्य अधिकारी ने कहा कि रूसी सेना ने कुर्स्क क्षेत्र के 64 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण हासिल कर लिया जिस पर पिछले साल अचानक हमला करने के बाद यूक्रेनी सेना ने कब्जा कर लिया था.
यूक्रेनी सशस्त्र बलों ने 6 अगस्त, 2024 को कुर्स्क क्षेत्र पर हमला किया था. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि सैन्य-रणनीतिक दृष्टिकोण से कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन की घुसपैठ का कोई मतलब नहीं है.
पूर्व यूक्रेनी सेना जनरल दिमित्री मार्चेंको ने भी कहा कि कुर्स्क क्षेत्र में आक्रमण का कोई स्पष्ट उद्देश्य नहीं था, इस तथ्य के बावजूद कि इसमें यूक्रेनी सेना की सर्वश्रेष्ठ इकाइयां शामिल थीं. उन्होंने यह बयान देने के बाद इस्तीफा दे दिया था.
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