मॉस्को, 23 अगस्त . रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेनी सेना ने कुर्स्क क्षेत्र में घुसपैठ के दौरान कुर्स्क परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला करने का प्रयास किया था.
आरटी की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने गुरुवार दोपहर एक कैबिनेट बैठक में कहा, “पिछली रात, दुश्मन ने परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला करने का प्रयास किया.”
उन्होंने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) को सूचित कर दिया गया है. उन्होंने स्वयं आने और स्थिति का आकलन करने के लिए विशेषज्ञ भेजने का वादा किया है. मुझे उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगे.”
इस महीने की शुरुआत में हजारों सैनिकों ने कुर्स्क क्षेत्र में प्रवेश कर, कुर्चटोव शहर तक पहुंचने का प्रयास किया था, जहां परमाणु संयंत्र स्थित है. मॉस्को ने इस घुसपैठ को आतंकवादी कृत्य घोषित किया और आक्रमणकारियों को पीछे हटाने के लिए अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया.
आईएईए के पर्यवेक्षक यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर प्लांट जापोरोजे एनपीपी पर पहले से ही तैनात हैं. वो 2023 की गर्मियों से ही यहां हैं. तब यूक्रेनी सैनिकों ने संयंत्र पर कब्जा जमाने का प्रयास किया था. रूस के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में एक यूक्रेनी ड्रोन हमले में संयंत्र के एक कूलिंग टावर में आग लग गई थी.
रूसी मीडिया के अनुसार, रोसाटॉम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलेक्सी लिखाचेव ने आईएईए प्रमुख राफेल ग्रॉसी के साथ दोनों विद्युत संयंत्रों की स्थिति पर चर्चा की है, तथा उन्हें व्यक्तिगत रूप से स्थिति का आकलन करने के लिए कुर्स्क आने का निमंत्रण दिया है.
रिपोर्ट के अनुसार, ग्रॉसी ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है और अगले सप्ताह कुर्स्क जाने की योजना बना रहे हैं. इसके बाद, वह यूक्रेनी नेता व्लादिमीर ज़ेलेंस्की से बात करने के लिए यूक्रेन जाएंगे.
ग्रॉसी के अनुसार, आईएईए कुर्स्क एनपीपी के पास किसी भी तरह के हमले को लेकर चिंतित है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि इसमें उसी तरह के रिएक्टर्स है जैसे चेरनोबिल एनपीपी में थे.
उन्होंने कहा कि तोपखाने की सीमा के भीतर सैनिकों की उपस्थिति “मेरे और एजेंसी के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है”, हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि उनका आशय किस सेना से था.
मास्को ने परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमलों के अपराधियों की पहचान न करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी की बार-बार आलोचना की है, तथा दावा किया है कि आईएईए के कर्मचारी अच्छी तरह जानते हैं कि यूक्रेन ही इसके लिए जिम्मेदार है.
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एकेएस/केआर