देश में संविधान और आरक्षण बचाने की लड़ाई : उदित राज

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर . हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की पहली बैठक में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति आरक्षण के उप-वर्गीकरण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को औपचारिक रूप से स्वीकार करने और इसे तुरंत लागू करने का निर्णय लिया गया. सैनी सरकार के इस फैसले को लेकर सियासत तेज हो गई है.

कांग्रेस नेता उदित राज ने इस पर कहा कि इसमें किसी को कुछ नहीं मिलने वाला है. जब आरक्षण रहेगा नहीं तो बाटेंगे क्या? 2018 से लेटरल एंट्री से आईएएस बनाये जा रहे थे, इसमें एससी, एसटी, ओबीसी का आरक्षण नहीं था. राहुल गांधी ने जब सवाल उठाया, तब जाकर अधिसूचना को वापस ल‍िया गय. हवाई अड्डे बेच दिए गए, रेलवे का निजीकरण कर दिया गया. कई ऐसे विभाग हैं, जिनका खात्मा कर दिया गया. भर्तियां बिल्कुल बंद हैं और खाली पद भी बहुत पड़े हुए हैं. सबको मिलकर सबसे पहले आरक्षण और संविधान बचाना चाहिए.

शिवसेना नेता संजय राउत की ओर से सीट बंटवारे में देरी के आरोपों पर उन्होंने कहा कि, सीट बंटवारे में देरी की वजह से हम दिल्ली का चुनाव हारे थे. यहां आम आदमी पार्टी ने फरवरी में अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था. उसके बाद भाजपा ने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था. हमारी पार्टी ने अप्रैल में उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था. देरी करने में कहीं न कहीं हमारी कमी है. इसको दूर किया जाने चाहिए.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के महाराष्ट्र दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि किसी को कहीं जाने पर रोक नहीं है. अगर सही मकसद के साथ अखिलेश यादव वहां जा रहे हैंं, तो इसमें क्या बुरा है?

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