बेंगलुरु, 25 जून . बेंगलुरु की विशेष अदालत ने मंगलवार को तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन को एक लाख रुपये के मुचलके के साथ सशर्त जमानत दे दी. वह सनातन धर्म पर टिप्पणी को लेकर दर्ज केस के मामले में कोर्ट में पेश हुए थे.
अदालत ने सनातन धर्म पर अपमानजनक टिप्पणी के संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता वी. परमेशा की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर उदयनिधि स्टालिन को पेश होने का आदेश दिया था.
उदयनिधि स्टालिन मंगलवार सुबह अदालत में पेश हुए. अदालत ने उदयनिधि स्टालिन को मामले की आगे की कार्यवाही में उपस्थित होने से भी छूट दे दी है.
इस मामले को सुप्रीम कोर्ट भी देख रहा है. इसलिए विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई 8 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी.
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणियों से उनका, उनके धर्म और हिंदू धर्म के लोगों का अपमान हुआ है.
अदालत ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए, 298 और 500 (मानहानि) के तहत अपराधों का संज्ञान लिया था.
उदयनिधि स्टालिन ने सितंबर 2023 में एक सम्मेलन को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है और इसे ‘उन्मूलन’ (समाप्त) किया जाना चाहिए. उनके इस बयान से राष्ट्रीय स्तर पर विवाद खड़ा हो गया था.
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