उद्धव ठाकरे को अच्छे डॉक्टर और अस्पताल की जरूरत: राम कदम

मुंबई, 20 जून . शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के शिवसेना स्थापना दिवस पर दिए ‘पनौती’ वाले बयान को भाजपा नेता राम कदम ने निराशा का नतीजा बताया है. उन्होंने ठाकरे के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे की हताशा और निराशा उनके बयानों में साफ दिखाई देती है. पीएम मोदी के नेतृत्व में देश विकास कर रहा है, सड़कें बन रही हैं, लेकिन उन्हें यह दिखाई नहीं देता.

उन्होंने आगे कहा, “क्या उनकी आंखों में मिर्ची पड़ गई है? उनकी दिमागी हालत ठीक नहीं है. उद्धव ठाकरे को अच्छे डॉक्टर और अस्पताल की जरूरत है.”

राम कदम ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी से बातचीत की. उन्होंने कहा, “ठाकरे की स्थिति यह है कि उनके करीबी और रिश्तेदार भी उन्हें छोड़कर चले गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नाम से उन्हें पीलिया हो जाता है. पिछले 11 वर्षों में भ्रष्टाचार का एक भी मामला सामने नहीं आया है, जबकि कांग्रेस के समय में घोटाले रोज होते थे. आज अगर बाला साहेब जिंदा होते तो पीएम मोदी और अमित शाह की पीठ थपथपाते.”

शिवसेना के स्थापना दिवस पर उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा था कि जब से केंद्र में उनकी सरकार आई है तब से ‘पनौती’ लगी हुई है.

उद्धव ठाकरे की ओर से ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाए जाने पर भाजपा नेता राम कदम ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाना उन लोगों का अपमान है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है, साथ ही उन बहादुर सैनिकों का भी अपमान है जो दिन-रात हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं. इस तरह के संदेह हमारे सशस्त्र बलों का पूरी तरह से अपमान है. उद्धव ठाकरे अब पहले वाले उद्धव ठाकरे नहीं रहे, वे अब उद्धव गांधी बन गए हैं. इसलिए गांधी परिवार की भाषा बोलना उनकी मजबूरी बन गई है. एकनाथ शिंदे के साथ उनके साथी जा रहे हैं. ठाकरे की दिमागी हालत ठीक नजर नहीं आती है. उन्हें अच्छे डॉक्टर और अच्छे अस्पताल की जरूरत है.”

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने ठाकरे ब्रांड की अहमियत बताते हुए दावा किया था कि अगर वो नहीं बचे तो भाजपा भी नहीं बचेगी. इस पर भाजपा नेता राम कदम बोले, “हम अब उद्धव ठाकरे के बयानों को गंभीरता से नहीं लेते, क्योंकि वह अब गंभीर नेता नहीं रहे. यहां तक ​​कि उनके अपने भाई और भाभी भी उन्हें स्वीकार नहीं करते. उनकी जिम्मेदारियां अब ‘हम दो, हमारे दो’ तक सीमित रह गई हैं. ऐसी अभद्र भाषा एक नेता को शोभा नहीं देती.”

वहीं राज ठाकरे से बढ़ती नजदीकियों पर कदम बोले, “लोग भूले नहीं हैं कि किस प्रकार ने उन्होंने राज ठाकरे से व्यवहार किया था. पार्टी से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया. उद्धव ठाकरे अकेले चुनाव नहीं लड़ सकते. इसीलिए अब राज ठाकरे की याद आ रही है.”

मराठी भाषा पर उद्धव ठाकरे के बयान पर भाजपा नेता ने कहा कि वो लोगों को मूर्ख समझते हैं. महाराष्ट्र की पहली भाषा मराठी है और मराठी ही रहेगी.

डीकेएम/केआर