Mumbai , 28 जून . शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक साथ आने की संभावना पर बड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने Saturday को कहा कि उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व का रास्ता छोड़ दिया है, जबकि राज ठाकरे स्वयं को कट्टर हिंदूवादी बताते हैं. इस वजह से दोनों नेताओं का एक साथ आना विचारधाराओं के टकराव के कारण मुश्किल है.
मनीषा कायंदे ने तंज कसते हुए कहा, “उद्धव ठाकरे को पहले अपने घर से और अपनी ‘किचन कैबिनेट’ से अनुमति लेनी होगी. दो भाइयों का एक साथ आना और दो दलों का एकजुट होना दो अलग-अलग बातें हैं.”
उन्होंने कहा कि दोनों दलों के एक होने का फैसला समय पर निर्भर करेगा, क्योंकि उनकी विचारधाराएं बिल्कुल अलग हैं. कायंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदुत्व छोड़ने के बाद उन्हें इस सवाल का जवाब देना होगा कि क्या वे राज ठाकरे की हिंदुत्ववादी विचारधारा के साथ तालमेल बिठा पाएंगे.
उन्होंने कहा, “महायुति बहुत मजबूत है. पिछले ढाई-तीन साल से महाराष्ट्र में महायुति शानदार काम कर रही है. विकास कार्यों में केंद्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है. आगामी महानगरपालिका और नगरपालिका चुनावों में महायुति निश्चित रूप से जीत हासिल करेगी. महायुति की एकजुटता और विकास कार्यों की वजह से जनता का भरोसा उनके साथ है.”
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के लॉ कॉलेज में बलात्कार के मामले पर मनीषा कायंदे ने तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और Chief Minister ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, “ममता बनर्जी एक महिला Chief Minister हैं, लेकिन आर.जी. कर कॉलेज में हुई घटना के बाद पूरे देश से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं और बड़े पैमाने पर आंदोलन हुए. इसके बावजूद अगर वह सबक नहीं लेतीं तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए.”
उन्होंने कहा कि कुछ लोग गलतफहमी में हैं कि हिंदी को जबरन थोपा जा रहा है. महायुती इस मुद्दे पर उचित निर्णय लेगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सीमाएं और आवश्यकताएं हर राज्य के अपने अधिकार क्षेत्र में हैं. नई शिक्षा नीति की सीमा क्या है और उसकी कितनी आवश्यकता है, हर राज्य का अपना अपना अधिकार है कि वे तय करेंगे.
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एकेएस/एकेजे