उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी के नेता अवसाद के शिकार : चंद्रशेखर बावनकुले

नई दिल्ली, 17 फरवरी . महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लगातार एक के बाद एक झटके मिल रहे हैं. जहां कई वरिष्ठ नेता शिवसेना (यूबीटी) छोड़ चुके हैं, वहीं अब और भी सांसदों और विधायकों के पार्टी छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं.

इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच शिवसेना (यूबीटी) के सांसद और पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने पार्टी में मची भगदड़ के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जिम्मेदार ठहराया है. राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अगर हमें केवल दो घंटों के लिए ईडी की कमान सौंप दी जाए, तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी पाला बदलकर शिवसेना (यूबीटी) के सदस्य बन जाएंगे.”

राउत के इस बयान पर पलटवार करते हुए महाराष्ट्र सरकार के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी डिप्रेशन में चली गई है, इसलिए ऐसी बातें कर रहे हैं. आने वाले चुनाव में उनका अस्तित्व खत्म हो जाएगा. उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब ठाकरे और हिंदुत्व के विचार को छोड़ दिया है. उन्होंने कांग्रेस पार्टी का विचार स्वीकार कर लिया है. उनकी पार्टी के सारे नेता उनको छोड़कर जा रहे हैं. आने वाले दिनों में ठाकरे की स्थिति ‘हम दो हमारे दो’ की होने वाली है. वरिष्ठ से लेकर बूथ स्तर तक का नेता और कार्यकर्ता उनके नेतृत्व को स्वीकार करने को तैयार नहीं है. वो सभी पीएम मोदी के मिशन से खुद को जोड़ना चाहते हैं. उद्धव ठाकरे की एक गलती उन्हें सियासी तौर पर खत्म कर देगी.

चंद्रशेखर बावनकुले ने आगे कहा कि बीएमसी चुनाव सहित सभी नगर पालिका, जिला परिषद और महानगरपालिका के चुनाव महायुती के तहत लड़े जाएंगे. बीजेपी, एकनाथ शिंदे और अजीत पवार की महायुती मिलकर इन चुनावों में महाविकास का मुकाबला करेंगी. तीनों पार्टियां अपने-अपने स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का काम कर रही हैं. महाराष्ट्र में बीजेपी डिजिटल सदस्यता अभियान चला रही है. लाडली बहनें, किसान और जो लोग हमारी योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं, उन्हें भी यह संदेश दिया गया है कि वे भारतीय जनता पार्टी से जुड़ें.

उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र सरकार के बीच पूरी तरह से तालमेल है और बीजेपी के नेतृत्व में गठबंधन सरकार स्थिर है, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की एकनाथ शिंदे के साथ रोजाना बातचीत होती है और सरकार में महायुती पूरी तरह से मजबूत है. एकनाथ शिंदे की पार्टी को बढ़ाने का दायित्व उनके ऊपर है, और वह इस दिशा में काम कर रहे हैं. वह जगह-जगह जा रहे हैं, अपनी पार्टी को मजबूती देने के लिए कार्य कर रहे हैं. सरकार के गठन से लेकर अब तक महायुती में कोई भी मतभेद नहीं है और पूरे विधानमंडल की संख्या 237 है, जिससे सरकार मजबूत है. यह स्थिति नहीं है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आकर अजीत पवार या एकनाथ शिंदे से बातचीत करनी पड़े. सरकार में सामंजस्य और तालमेल पूरी तरह से स्थापित है. कोई संकट नहीं है.

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के महाकुंभ पर दिए गए बयान पर चंद्रशेखर बावनकुले ने तीखी प्रतिक्रिया दी. बावनकुले ने कहा कि लालू प्रसाद यादव और इंडिया गठबंधन के विचार हिंदू धर्म के खिलाफ हैं. इनका जन्म देश को बर्बाद करने के लिए हुआ है. ये लोग अगर महाकुंभ के आयोजन की आलोचना करेंगे, तो इनका जनाधार भी तेजी से घट जाएगा. देवी-देवताओं और भारतीय इतिहास की इस तरीके से आलोचना करना जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना है. लालू प्रसाद यादव ने जो वक्तव्य दिया है, उससे बिहार की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें पूरी तरह से नकार देगी.

एकेएस/एबीएम