सत्ता के लालच में राज ठाकरे के साथ आए हैं उद्धव : राजू वाघमारे

मुंबई, 6 जुलाई . महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे के साथ आने पर सियासी बयानबाजी तेज है. रविवार को एकनाथ शिंदे के अध्यक्षता वाली शिवसेना के प्रवक्ता राजू वाघमारे उद्धव ठाकरे पर सत्ता के लालच में राज ठाकरे और मनसे के साथ आने का आरोप लगाया.

राजू वाघमारे ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, “दोनों भाई साथ में आए, तो इसकी खुशी है. यह किसी को भी हो सकती है, क्योंकि महाराष्ट्र की संस्कृति है कि दो भाई साथ में आएं. लेकिन यह दोनों क्यों साथ आए. यह मराठी के मुद्दे पर साथ आए. इसमें से एक ही भाई राज ठाकरे ने मराठी मुद्दे, अस्मिता और सम्मान के बारे में बात की है. वहीं, उद्धव ठाकरे ने सत्ता के लालच में राज ठाकरे और मनसे के साथ अपनी युति करने की योजना बनाई. उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में सत्ता की लालच और लाचारी की झलक दिखाई. उन्होंने एक बार भी मराठी का उल्लेख नहीं किया. उन्होंने पूरे भाषण में सत्ता का लालच दिखाया. महाराष्ट्र के लोगों ने इसे देखा और उन्हें पता चला कि उद्धव ठाकरे को मराठी नहीं बल्कि सत्ता से प्यार है.”

उन्होंने कहा, “उद्धव ठाकरे को किसी भी हालत में राज ठाकरे का आधार और हाथ चाहिए. कांग्रेस ने यूबीटी को दुत्कारा है. शरद पवार की राष्ट्रवादी पार्टी पहले जितनी ताकतवर रही नहीं. उद्धव ठाकरे के बृहन्मुंबई महानगरपालिका के 60 नगरसेवक और कार्यकर्ता आज हमारे साथ हैं. महानगरपालिका भी उन्हें मिलने वाली नहीं है. यूबीटी का सबसे निचला स्तर उनकी आंखों के सामने है. उद्धव परेशान हो चुके हैं और किसी भी हालत में उन्हें राज ठाकरे का साथ चाहिए. आज के समय में यूबीटी के पास न कार्यकर्ता, न नेता और न ही कोई विचार है. उनके पास सिर्फ यही विचार है कि सत्ता में कैसे आएं?”

वाघमारे ने कहा, “वे चुनाव में खड़े होने की हालत में नहीं है. वे किसी को आर्थिक बल नहीं दे सकते, बल्कि आर्थिक बल लेने वाली पार्टी हैं. यूबीटी टिकट देने का पैसा लेती है. यूबीटी के अंदर सिर्फ बेटा और पिता (आदित्य और उद्धव ठाकरे) रहेंगे, बाकी और कोई नहीं रहेगा. महाराष्ट्र की सेवा करने के लिए रोजाना कई लोग हमारी पार्टी में आते हैं और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा.”

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