सीकर, 18 सितंबर . सीकर की धोद थाना Police ने एक 64 वर्षीय बुजुर्ग रामकरण को social media पर जान पहचान कर अपने जाल में फंसा कर 12.90 लाख रुपए ऐंठने वाली हनी ट्रैप गैंग की मास्टरमाइंड रेणुका चौधरी सहित दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है. हालांकि इस मामले में अभी भी तीन आरोपी फरार हैं, जिनकी Police तलाश कर रही है.
पीड़ित बुजुर्ग को हनी ट्रैप के जाल में फंसाने वाली मास्टरमाइंड रेणुका चौधरी social media प्लेटफॉर्म फेसबुक व यूट्यूब पर भी काफी एक्टिव रहती है. आरोपी रेणुका चौधरी के बड़ी संख्या में फॉलोअर हैं. इसके साथ ही वह social media पर अपने आपको सामाजिक कार्यकर्ता बताते हुए फेसबुक पर कई फोटो भी पोस्ट करती थी. social media प्लेटफॉर्म पर कई नेताओं के स्वागत करने की पोस्ट भी हनी ट्रैप मामले की रेणुका चौधरी ने फेसबुक पेज पर लगाई है. Police ने मामले में रेणुका चौधरी व एक सहयोगी महिला सुबीता को गिरफ्तार किया है.
पीड़ित बुजुर्ग रामकरण ने हनी ट्रैप का थाने में मामला दर्ज करवाया था, जिसमें पीड़ित बुजुर्ग ने बताया गया था कि उसकी फेसबुक के जरिए रेणुका चौधरी से पहचान हुई. रेणुका ने उन्हें कई बार वीडियो कॉल किए. वहीं सुबीता नाम की अन्य महिला की बेटी से इंस्टाग्राम पर भी पहचान करवाई, जिसके बाद रेणुका ने सुबीता की बेटी को उसके फार्म हाउस पर मिलने भेजा, जहां पांच मिनट बाद ही रेणुका चौधरी कुछ लोगों को लेकर पहुंच गई. इस गैंग ने पीड़ित बुजुर्ग को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर सोने की अंगूठी, चेन और 25 हजार रुपए ले लिए थे. इसके बाद स्टांप पर लिखावट लेकर रेणुका के खाते में 12.90 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए थे.
मामला Police के संज्ञान में आने के बाद Police ने रेणुका का बैंक खाता फ्रीज करवा दिया है. Police ने मुखबिर से सूचना पर दोनों महिलाओं को धोद चौराहे से पकड़कर गिरफ्तार कर लिया. हनीट्रैप मामले की दोनों आरोपी महिलाएं पकड़े जाने के बाद दोनों मुंह छिपाती रहीं. वहीं मामले की मास्टरमाइंड रेणुका चौधरी ने कई बार Police के सामने बेहोशी का नाटक भी किया.
सीकर में हनीट्रेप के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. सूत्रों के अनुसार जिले में कई हनीट्रेप गैंग सक्रिय हो गई हैं जो कि युवतियों को साथ रखकर पैसे वाले व भोले-भाले युवाओं को social media के जरिए फंसाकर उनके साथ अश्लील वीडियो बनाते हैं. इसके बाद पीड़ित से उसके खातों में रुपए ट्रांसफर करवाते हैं और नकद रुपए, सोना-चांदी भी लूटते हैं. बदनामी के डर से कई पीड़ित सामने भी ही नहीं आ पाते हैं.
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पीआईएम/डीएससी