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Patna, 28 अक्टूबर . बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर नए विवाद में फंस गए हैं. उनका बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में नाम मिला है.
प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल में कोलकाता पश्चिम Lok Sabha क्षेत्र की भवानीपुर विधानसभा से मतदाता हैं. यहां उनका एपिक नंबर ‘आईयूआई0686683’ पाया गया. उनका सीरियल नंबर 621 है और मतदान केंद्र, आर-1 21बी रानीशंकरी लेन स्थित सेंट हेलेन स्कूल के रूप में दर्ज है.
बिहार में वह सासाराम संसदीय क्षेत्र के करगहर विधानसभा क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं. उनका मतदान केंद्र रोहतास जिले के अंतर्गत मध्य विद्यालय, कोनार है. कोनार प्रशांत किशोर का पैतृक गांव है.
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के Political सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं. वहीं, इस बार उनकी जन सुराज पार्टी बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ रही है.
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 की धारा 17 और धारा 18 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक से अधिक वोटर आईडी नहीं रख सकता है. एक से अधिक वोटर आईडी रखना या एक से अधिक चुनाव क्षेत्रों में वोटर आईडी रखना गैरकानूनी है. दो वोटर आईडी रखने पर कानूनी कार्रवाई और जुर्माने का भी प्रावधान है.
हालांकि, मतदाता फॉर्म 8 भरकर अपना पता बदल सकता है या एपिक नंबर का प्रतिस्थापन कर सकता है. यह फॉर्म-8 त्रुटियों को सुधारने के लिए चुनाव आयोग का फॉर्म है.
फिलहाल, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के पास दो वोटर आईडी मिलने पर विरोधी दलों के नेताओं ने निशाना साधा है.
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “आमतौर पर अगर उनकी (प्रशांत किशोर) पार्टी की बिहार में कोई वास्तविक उपस्थिति होती, तो यह एक बड़ा विवाद होता. लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि जन सुराज का कोई महत्व नहीं है. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि राहुल गांधी के सभी सहयोगी ‘वोट चोरी’ में शामिल हैं.”
Union Minister और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, “उन्होंने दो-दो वोटर आईडी बना रखे हैं, यह गलत है. जानकारी होते हुए भी सुधार नहीं किया गया, यह और भी गलत है.”
इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे का कहना है, “उन्हें अपना स्पष्टीकरण देना चाहिए.” अभय दुबे ने यह भी कहा कि हमें न तो प्रशांत किशोर पर भरोसा है और न ही चुनाव आयोग पर भरोसा है.
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डीसीएच/